भाजपा के एक केन्द्रीय प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को कोच्चि में केरल के राज्यपाल पी सदाशिवम से मुलाकात की और सबरीमाला में शांति बहाली सुनिश्चित करने के लिए उनके तत्काल हस्तक्षेप की मांग की. प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि वहां वर्तमान स्थिति राज्य सरकार द्वारा लगाए गए अघोषित आपातकाल जैसी है.
इस दौरान भाजपा की महासचिव सरोज पांडेय के नेतृत्व में आठ सदस्यीय भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर सबरीमाला और इसके आस-पास निषेधाज्ञा हटाने की मांग की. उन्होंने कहा कि मंदिर में मौलिक अधिकारों का दमन तुरंत रोका जाए. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह द्वारा गठित प्रतिनिधिमंडल उन्हें 15 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगा.
अमित शाह ने पिछले महीने श्रद्धालुओं और दक्षिणपंथी संगठनों के आंदोलन को पार्टी के पूरे समर्थन का संकल्प लिया था. केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन पर निशाना साधते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने आरोप लगाया था कि भगवान अयप्पा स्वामी के भक्तों के साथ 'कैदियों' की तरह व्यवहार किया जा रहा है. श्रद्धालुओं को कूड़े के ढेर और सुअरों के रहने की जगह पर रात बिताने के लिए मजबूर किया जा रहा है.
अमित शाह ने कहा था, 'पिनराई विजयन सरकार जिस तरह सबरीमला के संवेदनशील मामले को ले रही है, वो निराशाजनक है. केरल पुलिस युवा लड़कियों, माताओं और बुजुर्गों के साथ अमानवीय व्यवहार कर रही है. खाना, आश्रय, पानी और स्वच्छ शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं के बिना उन्हें कठिन तीर्थ यात्रा के लिए मजबूर कर रही है.'
वहीं, केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने अमित शाह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे व्यर्थ वाला और भटकाने वाला करार दिया था. उन्होंने कहा था कि श्रद्धालुओं को सुगम व्यवस्था मुहैया कराई जा रही है. श्रद्धालु हमारी व्यवस्था से संतुष्ट हैं. व्यवस्था से संघ परिवार को असुविधा हो रही है. साथ ही मानवाधिकार आयोग ने भी साफ कर दिया है कि इस साल श्रद्धालुओं के लिए यहां कोई समस्या नहीं है.
आपको बता दें कि भगवान अयप्पा के भक्त सबरीमाला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश संबंधी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने के लिए राज्य सरकार के आदेश के खिलाफ लामबंद हैं. बीजेपी भी इनका समर्थन कर रही है.