महँगाई थामने की एक और कोशिश करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक ने ब्याज दरें बढ़ा दी हैं जिसका सीधा असर आम उपभोक्ताओं पर पड़ सकता है. यदि आपने होम या पर्सनल लोन ले रखा है तो आपके लिए अच्छी खबर नहीं है. इसमें रेपो रेट में 0.5 और कैश रिजर्व रेश्यो में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है.
रिज़र्व बैंक के इस कदम के बाद वाणिज्यिक बैंकों द्वारा ग्राहकों को दिए जाने वाले लोन के इंटरेस्ट रेट में बढ़ोतरी करीब-करीब तय मानी जा रही है. यानी आपके लिए नया लोन लेना तो महंगा होगा ही, आपके पुराने लोन की ईएमआई भी बढ़ जाएगी.
बढ़ोतरी के बाद नया रेपो रेट 8.5 फीसदी से बढ़कर 9 फीसदी हो गया है और नया कैश रिजर्व रेश्यो (सीआरआर) 8.75 फीसदी से बढ़कर 9 फीसदी. रेपो रेट में बढ़ोतरी को फौरन लागू कर दिया गया है जबकि सीआरआर में बढ़ोतरी 30 अगस्त से लागू होगी. आरबीआई ने बैंक रेट और रिवर्स रेपो रेट में किसी भी तरह की तब्दीली नहीं की है. बैंक रेट और रिवर्स रेपो रेट दोनों ही 6 फीसदी हैं. चालू कारोबारी साल में रिजर्व बैंक सीआरआर में 1.25 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर चुका है.
रिजर्व बैंक ने 31 मार्च 2009 तक महंगाई दर को कम करके 7 फीसदी तक लाने का लक्ष्य रखा है. जो फिलहाल 12 फीसदी के आसपास है. रिजर्व बैंक का मकसद महंगाई दर को जल्द से जल्द घटाकर 5 फीसदी तक लाना है.
ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि बढ़ती महंगाई दर के मद्देनजर आरबीआई रेपो रेट और सीआरआर में बढ़ोतरी करेगा और आरबीआई ने ऐसा ही किया. इसके साथ ही करीब-करीब तय हो गया है कि वाणिज्यिक बैंक लोन के ब्याज दरों में बढ़ोतरी करेंगे और ग्राहकों के लिए नया लोन लेना तो महंगा हो जाएगा और उनके मौजूदा लोन की ईएमआई बढ़ जाएगी.