पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों के आरोप में फांसी की सजा पाए कैदी सरबजीत सिंह को भारत ने सोमवार को 'करुणा और मानवीयता' के आधार पर रिहा करने का अनुरोध किया.
इस बीच, लाहौर हाईकोर्ट में सरबजीत सिंह पर अर्जी दायर की गई है, जिसमें उन्हें इलाज के लिए लंदन भेजने की मांग की गई है.
लाहौर की कोट लखपत जेल में कैदियों के कातिलाना हमले में घायल सरबजीत वहां के एक अस्पताल में जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहा है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि यहां उपलब्ध बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने को ध्यान में रखते हुए सरबजीत सिंह को भारत स्थानांतरित करने की संभावना पर विचार किया जा सकता है.
एक बयान में मंत्रालय ने कहा है, 'हाल की त्रासद घटनाओं और मौजूदा परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए हम एक बार फिर पाकिस्तान की सरकार से आग्रह करते हैं कि इस मामले में सहानुभूति और मानवीय आधार को ध्यान में लाते हुए सरबजीत सिंह को रिहा कर दे.'
बयान के मुताबिक 'भारतीय उच्चायोग के अधिकारी लाहौर के जिन्ना अस्पताल के डॉक्टरों से संपर्क बनाए हुए हैं और हम सरबजीत सिंह को भारत स्थानांतरित करने के विकल्प पर विचार करना चाहेंगे ताकि उसे यहां उपलब्ध बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराया जा सके.'
बयान में कहा गया है कि सरबजीत सिंह की चिकित्सा कर रहे डॉक्टरों द्वारा जारी मेडिकल बुलेटिन के अनुसार यह स्पष्ट है कि उसकी हालत चिंताजनक बनी हुई है. बयान के मुताबिक, 'हम उसके परिवार की नाराजगी और चिंता से सहमत हैं और हमारी प्रार्थना उन लोगों के साथ है.'
लाहौर की कोट लखपत जेल में 26 अप्रैल को कैदियों ने सरबजीत सिंह पर ईंटों और अन्य धारदार वस्तुओं से हमला किया. लाहौर के जिन्ना अस्पताल में भर्ती सरबजीत सिंह अभी तक कोमा में हैं. इस घटना के बाद पाकिस्तान सरकार द्वारा जारी विशेष वीजा पर सरबजीत के परिवार के लोग पाकिस्तान गए हुए हैं.