पाकिस्तान के सैन्य स्कूल में पढ़ाई के समय से मित्र रहे और मुंबई हमलों का षड्यंत्र रचने के आरोपों का सामना कर रहे लश्कर ए तैयबा के आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली और तहव्वुर राणा एक ही कोठरी में बंद होने के बावजूद एक दूसरे से नहीं मिल रहे हैं और न ही दोनों के बीच कोई आपसी संपर्क है.
सूत्रों ने कहा, ‘‘वे ‘मेट्रोपोलिटन करेक्शनल सेंटर’ में एक दूसरे के संपर्क में नहीं हैं. वे एक ही क्षेत्र में न तो मुलाकात कर रहे हैं और न ही साथ खाना खा रहे हैं.’’ राणा ने मुंबई के आतंकवादी हमलों का षड्यंत्र रचने में अपने पुराने दोस्त हेडली की मदद करने के आरोप स्वीकार करने से इनकार कर दिया है.
उसने डेनमार्क में आतंकवादी हमले की साजिश रचने और पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित संगठन लश्कर ए तैयबा को मदद मुहैया कराने के आरोप स्वीकार नहीं करने संबंधी अर्जी भी दाखिल की है.
राणा की हेडली से दोस्ती तब से है जब दोनों पाकिस्तान के सैन्य स्कूल ‘कैडेट कॉलेज हसन अब्दाल’ में छात्र थे.
सरकार की ओर से दाखिल हलफनामे के मुताबिक, राणा और हेडली पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों सहित स्कूल के समय के अपने पुराने मित्रों से ईमेल के जरिये संपर्क में थे. ये स्कूल से निकले उस समूह से ताल्लुक रखते थे जो इंटरनेट पोस्टिंग में खुद को ‘अब्दालियन’ बताता था. अभियोजकों का आरोप है कि राणा ने खुद की आव्रजन कंपनी के इस्तेमाल की इजाजत देकर हेडली की मदद की. हेडली ने भारत और डेनमार्क में टोह लेने के लिये इसी कंपनी की आड़ ली.
गत 14 जनवरी को शुरू हुई अभियोग प्रक्रिया में राणा और हेडली पर मुंबई और डेनमार्क में आतंकवादी हमलों की साजिश रचने का आरोप लगाया गया. तब यह समझा गया था कि सुनवाई के लिये उन्हें एकसाथ ही अदालत लाया जायेगा.
बहरहाल, राणा और हेडली उनके खिलाफ लगे आरोपों पर जवाब देने के लिये अलग अलग हाजिर हो रहे हैं. पाकिस्तान मूल के कनाडाई नागरिक राणा के मुकदमे की गत सोमवार सुनवाई हुई, जबकि हेडली मजिस्ट्रेट एरलैंडर कीज के समक्ष 27 जनवरी को पेश होगा.
सूत्रों ने कहा कि हेडली के ‘जांच में सहयोग करने के चलते’ हो सकता है कि प्रशासन दोनों को सुनवाई के दौरान एकसाथ लाना या जेल में उन्हें आपसी संपर्क नहीं करने देना चाहता हो.