योगगुरु बाबा रामदेव ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम सिंह के प्रकरण को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. छत्तीसगढ़ के भिलाई से एक सवाल के जवाब में रामदेव ने कहा, 'ऐसी घटनाएं बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है...मैं पिछले 10 साल से देख रहा हूं कि हर तीन-चार साल में ऐसा कोई न कोई बड़ा कलंक हमारे धर्म, संस्कृति और अध्यात्म के नाम पर लगता है. इससे मन आहत जरूर होता है, लेकिन अगर कभी भी कोई व्यक्ति अपने बुरे चरित्र के कारण किसी परंपरा पर दाग लगाता है, तो समूह को टारगेट नहीं करना चाहिए.'
आजतक से बातचीत में रामदेव ने कहा कि यदि कोई एक हिंदू....कोई एक मुसलमान....कोई एक सिख.....कोई एक ईसाई....कोई मीडिया का व्यक्ति....कोई धर्म या सम्प्रदाय का व्यक्ति गलत करता है, तो उसे व्यक्तिगत लेना चाहिए. समूह पर नहीं लेना चाहिए. आज भी लाखों जैन, बौद्ध और हिंदू संत हैं, जो पवित्रता से जीवन जी रहे हैं. हालांकि ऐसे भी मामले हमारे सामने आते रहते हैं, जिनसे आस्थाओं पर चोट जरूर लगती है, लेकिन हमारी संस्कृति की जड़े इतनी गहरी हैं कि इन झंझावतों को सह लेती हैं.
काम और लोभ मानवीय दुर्बलताएं
रामदेव ने कहा कि काम और लोभ मानवीय दुर्बलताएं हैं. हमारे धर्म में अकाम और अलोभ होना सबसे बड़ी उपलब्धि है. सन्यास का मतलब ही काम और लोभ से परे जाना है. उन्होंने कहा कि धर्म से जुड़े लोगों को अपने आचरण पर सोचना चाहिए. क्योंकि उनके ऐसे कारनामों से पूरा समाज प्रभावित होता है. उनकी आस्था पर चोट लगती है. लिहाजा शिखर पर पहुंचे लोगों को बहुत संभलकर चलना चाहिए. एक सवाल के जवाब में रामदेव ने कहा कि मेरे ऊपर भी आरोप लगे और कितने घिनौने अपराध लगे, लेकिन आरोप लगने से कोई अपराधी नहीं हो जाता है. अगर कोई गुनाह किया है, तो सजा भुगतनी चाहिए.
जिससे समूह जुड़ेगा, वहां राजनीति होगीः रामदेव
नेताओं और संतों के गठजोड़ को खत्म करने के सवाल पर रामदेव ने कहा कि जिससे समूह जुड़ेगा, वहां राजनीति होगी. उन्होंने कहा कि धर्म गुरुओं की करतूत से सारी बिरादरी बदनाम हुई है. उन्होंने कहा कि मैं अपनी अंतिम सांस तक ऋषियों की परंपरा पर कलंक नहीं लगने दूंगा. मैं मर सकता हूं...मिट सकता हूं, लेकिन ऋषि परंपरा पर दाग नहीं लगने दूंगा. मैं ऋषि परंपरा का प्रतिनिधि करता हूं. बाबा ने कहा कि अभी मुझे 50 साल जिंदा रहना है और लोग देखेंगे. डेरा बंद करने के सवाल पर योगगुरु ने कहा कि डेरा की स्थापना तपस्वी संत ने की थी और यह एक अच्छी परंपरा शुरु की थी. ऐसे में किसी एक की करतूत पर इसको बंद करना ठीक नहीं है.