scorecardresearch
 

हिंदू पक्ष ने टोका तो राजीव धवन बोले- मेरा अलग स्टाइल, बहस में सिर्फ दिमाग-जुबान चलती है

मुस्लिम पक्ष की ओर से राजीव धवन ने शुक्रवार को दलीलें रखीं और हिंदू पक्षकारों के आरोपों का जवाब दिया. इस दौरान जब हिंदू पक्षकारों के वकील सीएस वैद्यनाथ ने राजीव धवन को बीच में टोका तो वह थोड़े खफा हो गए. राजीव धवन ने इस दौरान कहा कि उनके बहस करने का तरीका अलग है, इसलिए उन्हें बीच में ना टोकें.

Advertisement
X
अयोध्या मामले में SC में तीखी बहस
अयोध्या मामले में SC में तीखी बहस

  • अयोध्या केस की सुनवाई का 37वां दिन
  • मुस्लिम पक्ष की ओर से रखी जा रही दलील
  • हिंदू पक्ष के टोकने पर भड़के राजीव धवन
सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को अयोध्या मामले की सुनवाई के दौरान तीखी बहस हुई. मुस्लिम पक्ष की ओर से राजीव धवन ने शुक्रवार को दलीलें रखीं और हिंदू पक्षकारों के आरोपों का जवाब दिया. इस दौरान जब हिंदू पक्षकारों के वकील सीएस वैद्यनाथ ने राजीव धवन को बीच में टोका तो वह थोड़े खफा हो गए. राजीव धवन ने इस दौरान कहा कि उनके बहस करने का तरीका अलग है, इसलिए उन्हें बीच में ना टोकें.

मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा कि मैं अपनी बहस को टाइटल, लिमिटेशन और वक्फ पर ही फोकस रखूंगा. इसी बीच हिंदू पक्ष के वकील ने उन्हें टोका, जिसपर राजीव धवन ने आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि ये ठीक नहीं है, मैंने कभी सीएस. वैद्यनाथन का नाम लेकर उन्हें नहीं टोका था.

Advertisement

राजीव धवन ने कहा कि बहस करने का मेरा अपना स्टाइल है, मेरा ये स्टाइल कभी नहीं रहा. बहस का सबसे आदर्श स्टाइल बैरिस्टर स्टाइल है जिसमें आपके हाथ नीचे रहते हैं और दिमाग व जुबान चलती है. उन्होंने इस दौरान कहा कि जब मामले में मध्यस्थता चल रही थी, तो उस दौरान की बातों को सीक्रेट नहीं रखा गया. बहस के सभी सबूतों को ट्विटर पर लीक किया गया, जो किसी भी तरह से ठीक नहीं है.

इसे पढ़ें: SC में बोला मुस्लिम पक्ष- बाबरी मस्जिद ढहाने पर हिंदुओं पर क्यों न उठे सवाल?

गौरतलब है कि शुक्रवार को इस मामले की रोजाना सुनवाई का 37वां दिन है. गुरुवार तक हिंदू पक्ष अपनी बातें रख रहा था, लेकिन शुक्रवार से मुस्लिम पक्ष की दलीलें शुरू हो गई हैं. मुस्लिम पक्ष इस वक्त सूट-4 पर अपनी दलीलें रख रहा है.

सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर तक पूरी करने की बात कही गई है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के मुताबिक अगर सुनवाई 18 अक्टूबर से आगे जाती है तो फैसला आने में देरी हो सकती है. अदालत ने इस मामले का फैसला लिखने के लिए भी एक महीने का वक्त मांगा है.

Advertisement
Advertisement