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विदेशी संस्‍थानों से सुधरेगी शिक्षा की गुणवत्ता: सिब्‍बल

मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने आज कहा कि विदेशी शैक्षणिक संस्थानों के देश में स्थापित होने से भारत में युवाओं की दक्षता बढ़ाने और शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने में मदद मिलेगी.

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मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने आज कहा कि विदेशी शैक्षणिक संस्थानों के देश में स्थापित होने से भारत में युवाओं की दक्षता बढ़ाने और शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने में मदद मिलेगी.

सिब्बल ने योजना आयोग के सम्मेलन में कहा कि ऐसे संस्थान न सिर्फ भारत में परिसर स्थापित करेंगे, बल्कि क्षमता विकास और प्रशिक्षण जैसी अन्य व्यवस्थाएं भी देंगे. उन्होंने कहा कि विदेशी शिक्षा प्रदाता संयुक्त डिग्रियां दे सकेंगे, परिसर स्थापित कर सकेंगे या क्षमता विकास के लिये प्रशिक्षण दे सकेंगे.

केंद्रीय कैबिनेट ने हाल ही में विदेशी शैक्षणिक संस्थान (प्रवेश और परिचालन नियमन) विधेयक 2010 को मंजूरी दी है जिसका मकसद भारत में विदेशी शिक्षा प्रदाताओं का नियमन करना है. सिब्बल ने कहा कि सरकार पहले ही शिक्षा के क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को वर्ष 2000 में मंजूरी दे चुकी है. लेकिन नये कानून से उनके प्रवेश और परिचालन का नियमन होगा.

उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि वर्ष 2020 तक हमारे कॉलेजों में चार करोड़ विद्यार्थी पढ़ रहे होंगे. विश्वविद्यालय से इतर भी हो सकता है 14 से 15 करोड़ युवा हों. उनके दक्षता विकास के लिये उन्हें प्रशिक्षण देना होगा. विदेशी विश्वविद्यालयों को इस क्षेत्र में भी प्रवेश करना होगा. सिब्बल ने कहा कि कार्यबल को विश्व स्तरीय बनाना होगा ताकि भारतीय मानव संसाधनों का इस्तेमाल देश में और वैश्विक स्तर पर हो सके. उन्होंने कहा कि हमें व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करना होगा.

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अधिकतर विकसित देशों में 95 फीसदी युवा औपचारिक तरीके से क्षमता विकास करते हैं. इससे रोजगार के अवसर निर्मित होते हैं, काम करने की क्षमता सुधरती है, देश के भीतर प्रभावशीलता बढ़ती है और जीवन स्तर की गुणवत्ता में सुधार आता है. सिब्बल ने कहा कि भारत के 70 फीसदी से अधिक कामकाजी लोग प्राथमिक स्तर से भी कम शिक्षित हैं. महज पांच फीसदी युवा कोई दक्षता का पेशेवर प्रशिक्षण हासिल करते हैं, जबकि कोरिया में ऐसे युवाओं की संख्या 96 फीसदी और बोत्सवाना में 22 फीसदी है.

उन्होंने कहा कि वर्तमान में व्यावसायिक प्रशिक्षण की बुनियादी संरचना प्रतिवर्ष 25 लाख लोगों को प्रशिक्षण दे सकती है. सिब्बल ने कहा कि क्षमता विकास के लिये कार्यबल का गठन, औद्योगिकी प्रशिक्षण संस्थानों को उन्नत बनाने के लिये कॉरपोरेट क्षेत्र के साथ भागीदारी, सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत 300 पोलिटेक्निक संस्थानों की स्थापना और निजी क्षेत्र द्वारा 400 पोलिटेक्निक संस्थानों की स्थापना ऐसे कुछ उपाय हैं जो क्षमता विकास के लिये किये गये हैं.

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