प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को अशांत कश्मीर घाटी के मौजूदा हालात को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. साथ ही प्रधानमंत्री ने राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से प्रशासनिक और राजनीतिक हल निकालने संबंधी चर्चा की.
सुरक्षा को लेकर बनी मंत्रिमंडल की समिति (सीसीएस) में शामिल वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी, गृह मंत्री पी चिदंबरम, रक्षा मंत्री ए के एंटनी और विदेश मंत्री एस एम कृष्णा सहित इसके सभी सदस्य बैठक में मौजूद थे. बैठक कश्मीर घाटी के ताजा हालात को लेकर बुलाई गई थी.
गौरतलब है कि घाटी में ताजा हिंसा में 15 लोग मारे गए हैं. बैठक के दौरान उमर ने अतिरिक्त बलों की जरूरत के अलावा संबंधित लोगों से ‘आंतरिक और बाह्य’ वार्ता के मुद्दे पर अपनी बात कही. घाटी के ताजा हालात से निपटने के लिए राजनीतिक और प्रशासनिक कदम उठाए जाने संबंधी मुद्दे पर सीसीएस की हुई बैठक के एक दिन बाद प्रधानमंत्री ने यह बैठक बुलाई.
बैठक में कश्मीर घाटी के ताजा हालात एवं प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए समुचित समर्थन देने के अलावा राज्य सरकार को हर संभव मदद देने की बात कही गई. राज्य सरकार ने उन पूर्व आतंकियों की पुनर्वास नीति की सिफारिश की है जो सजा काट चुके हैं और बेरोजगार हैं.
राज्य ने उन युवकों के लिए व्यापक नीति बनाने की भी सिफारिश की है जो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से वापस लौटना चाहते हैं. सूत्रों के अनुसार पथराव करने वाले अधिकतर पूर्व आतंकी हैं जो मौजूदा समय में बेरोजगार हैं.