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कर्नाटक में सियासत का 'महादंगल', भीषण गर्मी में भी निकले वोटर

कर्नाटक में सियासत का 'असली दंगल' शुरू हो चुका है. विधानसभा के कुल 223 सीटों के लिए मतदान शाम 6 बजे समाप्‍त हो चुका है. भीषण गर्मी को देखते हुए चुनाव आयोग ने राज्‍य में मतदान का समय  एक घंटा बढ़ा दिया था.

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कर्नाटक में सियासत का 'असली दंगल' शुरू हो चुका है. विधानसभा के कुल 223 सीटों के लिए मतदान शाम 6 बजे समाप्‍त हो चुका है. भीषण गर्मी को देखते हुए चुनाव आयोग ने राज्‍य में मतदान का समय  एक घंटा बढ़ा दिया था.

चिलचिलाती गर्मी के बीच राज्‍य में शाम 5 बजे तक 60.25 प्रतिशत मतदान हो चुका था. यह आंकड़ा दिन के 1 बजे तक 36.8 फीसदी जबकि 11 बजे तक वोटिंग का प्रतिशत 18.81 था. सुबह 9 बजे यह आंकडा 8.36 फीसदी था.

कोलार में चुनाव के दौरान हंगामा

कोलार में चुनाव के दौरान हंगामा खड़ा हो गया.  एक मतदान केंद्र पर कांग्रेस उम्मीदवार वज़ीर अहमद के समर्थक हथियारों के दम पर वोटरों को धमका रहे थे. जेडी एस के समर्थकों ने इसका विरोध किया.  बाद में पुलिस ने 4 कांग्रेस समर्थकों को गिरफ़्तार कर लिया. उनके पास से हथियार भी बरामद हुए.

मतदान केंद्रों पर उमड़ रहे दिग्‍गज
पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्‍पा समेत कई दिग्‍गज वोट डाल चुके हैं, जबकि कई वोट डालने की तैयारी में हैं. सबसे पहले वोट डालने वालों में पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा भी शामिल हैं. येदियुरप्पा ने भरोसा जताया है कि कर्नाटक जनता पार्टी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी.

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वीडियो: सुनिए क्‍या दावा किया बीएस येदियुरप्‍पा ने...

वोट डालने दिल्‍ली से पहुंचे नेता
कर्नाटक चुनाव के लिए वोट डालने दिल्ली से भी कई नेता पहुंचे हैं. पेट्रोलियम मंत्री एम वीरप्पा मोइली भी सुबह-सुबह वोट डालने पहुंचे. मोइली ने बैंगलोर के आरटी नगर में मतदान किया. बीजेपी के वरिष्ठ नेता एम. वेंकैया नायडू भी वोट डालने बैंगलोर पहुंचे. नायडू वैसे तो आंध्र प्रदेश के हैं, लेकिन कर्नाटक से राज्यसभा सांसद होने की वजह से बैंगलोर की वोटर लिस्ट में उनका नाम है.

सुबह-सुबह ही वोट डालने वालों में इनफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति भी थे. नारायण मूर्ति बैंगलोर के जयनगर इलाक़े में वोट डालने के लिए पहुंचे. जिस वक़्त नारायण मूर्ति वोट डालने के लिए गए, मतदान केंद्र पर लंबी कतार थी. आम लोगों के साथ कतार में उन्होंने अपनी बारी का इंतज़ार किया.

चुनाव में विकास अहम मुद्दा: जगदीश शेट्टार
मुख्‍यमंत्री जगदीश शेट्टार ने कहा, 'हर ओर माहौल एकदम शांतिपूर्ण है. मुझे इस बात का पूरा यकीन है कि बीजेपी पूर्ण बहुमत हासिल करेगी. विकास ही मुख्‍य चुनावी मुद्दा है.' शेट्टार ने कहा कि किसी अन्‍य क्षेत्रीय पार्टी का चुनाव में कोई असर नहीं है.

बीजेपी नेता अनंत कुमार का मानना है कि कर्नाटक की जनता को विकास जारी रखने के लिए बीजेपी को वोट देना चाहिए. अनंत कुमार ने कहा कि लगातार भ्रष्‍टाचार के मामले उजागर होने के बाद अब जनता को कांग्रेस को नकार देना चाहिए.

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पोलिंग बूथों पर लंबी कतारें
वोटिंग के लिए सुबह से ही मतदाताओं की लंबी कतार देखने को मिल रही है. दोपहर धूप कड़ी हो जाती है, इस वजह से ही लोग सुबह ही पोलिंग बूथों पर पहुंच रहे हैं. खास बात यह है कि गर्मी की वजह से वोटिंग का वक्‍त 1 घंटा बढ़ा दिया गया है. शाम 6 बजे तक वोट डाले जा सकेंगे.

4 पार्टियों के बीच कड़ी टक्‍कर
कर्नाटक में मुक़ाबला मुख्‍य रूप से 4 पार्टियों के बीच है. चुनाव में सत्ताधारी बीजेपी के अलावा कांग्रेस, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा की जेडीएस और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की कर्नाटक जनता पार्टी आमने-सामने हैं. दक्षिण में अपनी पहली सरकार को बचाना बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती है.

दांव पर लगी है बीजेपी की साख
कर्नाटक चुनाव में सत्तारूढ़ बीजेपी की साख दांव पर लगी है. लिंगायत समुदाय के नेता येदियुरप्पा के बीजेपी से अलग होने के बाद पार्टी के वोट बैंक पर असर पड़ सकता है. उत्तरी कर्नाटक के 12 जिलों में लिंगायत समुदाय का दबदबा है, जो 95 विधायक चुनकर भेजता है. बीजेपी ने चुनाव में लिंगायत नेता जगदीश शेट्टार को ही आगे किया है. अगर आंकड़े की बात करें, तो इस समुदाय के पास राज्य का 21 फीसदी वोट है.

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कांग्रेस ने भी लगाया पूरा जोर
कर्नाटक में कांग्रेस ने 8 साल के अंतराल के बाद सत्ता हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की है. वहीं बीजेपी इन चुनावों में एक बार फिर बहुमत हासिल कर सत्ता में बने रहने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है.

पेरियापटना सीट पर 28 मई को मतदान
राज्य में मतदान एक चरण में हो रहा है. कम से कम 1.35 लाख पुलिसकर्मी सुरक्षा के लिए तैनात किए गए हैं. इनमें से 60,000 पुलिसकर्मी राज्य से, 20,000 होमगार्ड और शेष केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के तथा समीपवर्ती राज्यों के पुलिसकर्मी हैं. विधानसभा चुनावों के लिए 4.36 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं. पेरियापटना विधानसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी के निधन के कारण चुनाव रद्द कर दिया गया है. वहां अब 28 मई को मतदान होगा.

सत्ता के खिलाफ लहर का अंदेशा
चुनाव के सिलसिले में की गई कुछ रायशुमारियों में बीजेपी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर का अनुमान जताया गया है. इन रायशुमारियों में कहा गया है कि सत्ता विरोधी लहर के चलते कांग्रेस या तो अकेले सबसे बड़े दल के रूप में उभर सकती है या फिर बहुमत से थोड़ा पीछे रह सकती है. दक्षिण भारत में बीजेपी की अब तक की पहली सरकार पिछले विधानसभा चुनाव में कर्नाटक में बनी थी, इसीलिए यह राज्य पार्टी के लिए खास महत्व रखता है.

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हर किसी को जीत की उम्‍मीद
जेडीएस को उम्मीद है कि वह अपने गढ़ पुराने मैसूर क्षेत्र से बाहर भी अपना आधार बनाएगी. येदियुरप्पा की कर्नाटक जनता पार्टी का लक्ष्य बीजेपी के इरादों पर पानी फेरना है. दोनों ही दल खंडित जनादेश मिलने की स्थिति में खुद को ‘किंगमेकर’ की भूमिका में देख रहे हैं. मतदान में करीब 3,000 उम्मीदवारों का भाग्य सीलबंद हो जाएगा. जो दिग्गज इन चुनावों में किस्मत आजमा रहे हैं उनमें मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार, विपक्षी कांग्रेस के नेता सिद्दारमैया, येदियुरप्पा, कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जी परमेश्वर, उप मुख्यमंत्री के एस ईश्वरप्पा और आर अशोक शामिल हैं.

चप्‍पे-चप्‍पे पर कैमरे की नजर
चुनाव आयोग ने करीब 52,000 मतदान केंद्र बनाए हैं, जिनमें से 10,000 मतदानों की पहचान केंद्र अत्यंत संवेदनशील केंद्रों के तौर पर और 14,000 से अधिक मतदान केंद्रों की पहचान संवेदनशील केंद्रों के तौर पर की गई है. इन मतदान केंद्रों पर वेब कैमरों की मदद से नजर रखी जा रही है. मतदान के लिए कम से कम 65,000 इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का उपयोग किया जा रहा है. इनमें से 10 फीसदी ईवीएम रिजर्व में रखी गई हैं. चुनाव ड्यूटी पर 2.5 लाख से अधिक निर्वाचन अधिकारी तैनात हैं.

2008 का मुकाबला रहा रोचक
वर्ष 2008 में संपन्न चुनावों में बीजेपी को 110 सीटें मिली थीं, जो बहुमत से मात्र तीन सीटें कम थीं. पार्टी ने पांच निर्दलीयों की मदद से सरकार बनाई और पांचों निर्दलीयों को मंत्री बनाया गया था. कांग्रेस को 80 और जेडीएस को 28 सीटें मिली थीं. चुनावों में कुल 64.91 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था. चुनाव आयोग और कुछ गैर सरकारी संगठनों ने मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित करने की खातिर अभियान चलाया है. यह अभियान देश की आईटी राजधानी बैंगलोर में खास तौर पर चलाया गया.

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