कानपुर पुलिस को फेसबुक से जोड़ कर आम जनता से सीधे संवाद स्थापित करने के अभियान के तहत शहर के सभी पुलिस स्टेशनों को बारी बारी से फेसबुक से जोड़ा जा रहा है. इसी कड़ी के तहत शहर के तीन पुलिस स्टेशन कोहना, काकादेव और नौबस्ता अब फेस बुक से जुड़ चुके हैं.
कानपुर पुलिस के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) मुथा अशोक जैन ने बताया कि जनता से सीधे संवाद करने और उनकी समस्याओं के त्वरित समाधान को लेकर 15 दिन पूर्व ही कानपुर पुलिस फेसबुक से जुड़ गयी थी और उसकी योजना शहर के सभी 44 पुलिस थानों को फेसबुक से जोड़ने की है. उन्होंने बताया कि इसकी शुरूआत हो चुकी है तथा इसके तहत एक-एक पुलिस स्टेशन को फेस बुक से जोड़ा जा रहा है.
उन्होंने बताया कि शहर के तीन पुलिस थाने नौबस्ता, कोहना और काकादेव फेसबुक से जुड़ गये है धीरे-धीरे शहर के शेष 41 पुलिस थानों को भी फेस बुक से जोड़ दिया जाएगा.
कई थानों में कंप्यूटर की सुविधा नहीं हाने के बाबत पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि शहर के अधिकतर पुलिस स्टेशन कंप्यूटर और इंटरनेट जैसी सुविधाओं से लैस है और जिन पुलिस थानों में कंप्यूटर और इंटरनेट की सुविधा नहीं है उन्हें इस सुविधा से शीघ्र ही जोड़ दिया जायेगा.
पुलिस उपमहानिरीक्षक जैन ने जनता से कहा है कि अगर उनकी समस्यायें नहीं सुनी जा रही हो तो पहले तो वह अपने थाने के फेसबुक प्रोफाइल पर अपनी समस्या डाले और अगर वहां भी सुनवाई नहीं हो रही हो तो लोग सीधे कानपुर पुलिस की प्रोफाइल के माध्यम से अपनी शिकायत उन तक पहुंचा सकते हैं.
{mospagebreak}कानपुर पुलिस की आगे की योजना में वांछित अपराधियों और इनामी बदमाशों की तस्वीरें भी फेस बुक पर डालने की योजना है ताकि जनता इन अपराधियों से जुड़ी जानकारी गुप्त रूप से पुलिस को दे सके.
जैन ने बताया कि जनता की समस्याओं के बारे में ज्यादा से ज्यादा फीडबैक पाने और शहर की पुलिस व्यवस्था में सुधार लाने के लिये ही कानपुर पुलिस की प्रोफाइल फेस बुक पर डाली गयी है. इस प्रोफाइल को रोज वह स्वंय देखेंगे कि उसमें जनता ने शहर की किन किन समस्याओं की ओर पुलिस का ध्यान आकर्षित कराया है और फिर उन समस्याओं पर वह सीधी कार्रवाई का जाएगी.
इसी तरह शहर के पुलिस थानों के प्रोफाइल पर आई शिकायतों की भी वह प्रतिदिन जांच करेंगे और उक्त शिकायत पर पुलिस ने क्या कार्रवाई की, इस बाबत भी नजर रखी जाएगी.
जैन ने बताया कि अगर जनता से पुलिस किसी काम के लिये कथित रिश्वत की मांग करती है तो जनता फेसबुक के मैसेज बाक्स में जाकर उस पुलिसकर्मी की शिकायत भी कर सकती है, शिकायतकर्ता का नाम गुप्त रखा जाएगा और रिश्वत मांगने वाले पुलिस कर्मी के खिलाफ जांच के बाद कार्रवाई भी की जाएगी.