प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में सकारात्मक नियामकीय ढांचा, कर व्यवस्था में स्थिरता और ढांचागत क्षेत्र को प्रोत्साहन के साथ सुधारों को ‘उच्चतम गति’ से आगे बढ़ाने का वादा किया ताकि भारतीय अर्थव्यवस्था को मौजूदा 2,000 अरब डॉलर से 20,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाया जा सके. प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि विकास के नतीजे रोजगार अवसरों के रूप में सामने दिखने चाहिए.
अर्थव्यवस्था के लिए नीति बने: मोदी
उन्होंने कहा कि सरकार नियमों में बदलाव करेगी, कर व्यवस्था में सुधार करेगी और जरूरतमंद लोगों को ध्यान में रखकर सब्सिडी प्रदान करेगी.
उन्होंने कहा, ‘एक सकारात्मक नियामकीय ढांचा, कर व्यवस्था में स्थिरता और कारोबार करना आसान बनाने को तीव्र गति से आगे बढ़ाया जा रहा है.’
मोदी ने कहा, ‘हम निवेश के रास्ते आने वाली विभिन्न अड़चनों को दूर कर रहे हैं. हमारी कर व्यवस्था में भारी सुधार की जरूरत है जिसकी पहल की जा चुकी है. मैं गति में विश्वास करता हूं. मैं तेज गति से व्यापक बदलाव लाउंगा. आप आने वाले समय में इसकी सराहना करेंगे.’
प्रधानमंत्री ने कहा कि राजकाज में सुधार एक सतत प्रक्रिया है और उनकी सरकार ऐसी जगहों पर बदलाव कर रही है जहां नियम व प्रक्रियाएं आज की आवश्यकताओं के मुताबिक नहीं हैं. उन्होंने कहा कि पिछले दो साल में वृद्धि दर पांच प्रतिशत से नीचे रही, राजकाज का स्तर बहुत ही नीचे चला गया था और घोटाले पर घोटाले सामने आए. अब नए युग के भारत का उदय होना शुरू हो गया है.
उन्होंने कहा, ‘हमें जो क्षति हुई है उसे ठीक करना है. आर्थिक वृद्धि में तेजी को बहाल करना कठिन कार्य है. इसके लिए बहुत बड़े प्रयास, निरंतर प्रतिबद्धता और मजबूत प्रशासनिक कार्रवाई की जरूरत है, लेकिन हमें भरोसा है कि हम निराशा की मानसिकता से उबर सकते हैं.’
मोदी ने कहा कि तीव्र आर्थिक वृद्धि के लिए राजकाज में पारदर्शिता और कुशलता तथा संस्थागत सुधार बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ‘नीतियों एवं नियमों को आर्थिक वृद्धि के अनुकूल बनाने के लिए तेजी से कदम उठा रही है’
प्रधानमंत्री ने कहा कि बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाया जा रहा है, नए दृष्टिकोण एवं नए उपाय किए जा रहे हैं ताकि रेलवे और सड़क निर्माण जैसे क्षेत्रों में अधिक से अधिक निवेश आकर्षित किया जा सके. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने एजेंडे की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि राजकोषीय घाटे के लिए निर्धारित सीमा को भंग नहीं होने दिया जाएगा. मुद्रास्फीति पर सख्ती से अंकुश लगाया जाएगा, जीएसटी लागू किया जाएगा तथा जनधन योजना जैसे कार्यक्रमों पर अमल के जरिए गरीबों को वित्तीय प्रणाली से जोड़ा जाएगा तथा रुपये को अधिक उपयोगी बनाया जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘हम बजट में घोषित राजकोषीय लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हम इस दिशा में व्यवस्थित ढंग से बढा रहे हैं.’ अनावश्यक खर्चे में कटौती से इसमें मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि छोटे और बड़े कदम उठाने में कोई विरोधाभास नहीं है.
मोदी ने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के कंप्यूटरीकरण की विशाल योजना शुरू की जाएगी. इसमें एफसीआई के गोदामों से लेकर राशन की दुकानों और उपभोक्ताओं तक को कंप्यूटर नेटवर्क से जोड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि गरीबों के लिए सब्सिडी की जरूरत रहेगी लेकिन सब्सिडी के लीकेज को भी कम करने की जरूरत है.
उन्होंने कहा, ‘रसोई गैस सिलेंडर पर सब्सिडी को नकद में देने का कार्यक्रम विश्व में लाभ के नकद अंतरण का सबसे बड़ा कार्यक्रम है. हम अन्य योजनाओं में भी लाभ के नकद अंतरण की योजना बना रहे हैं.’
इनपुट-भाषा