पीएम नरेन्द्र मोदी जापान में तारीफें बटोर रहे हैं. उनके इस दौरे ने भारत-जापान के रिश्तों पर पड़ी धूल को न केवल हटा दिया बल्कि उसमें एक नई चमक भी ला दी है. वहां उनका जैसा स्वागत हुआ वैसा आज तक भारत के किसी भी प्रधानमंत्री का नहीं हुआ. इतना ही नहीं वहां उन्होंने भारत के विकास के लिए पर्याप्त फंड मुहैया कराने का भी वचन ले लिया. उनकी इस यात्रा का उद्देश्य भारत के विकास को बढ़ावा देना था और पुराने रिश्तों में नई जान डालनी था और उसमें वह पूरी तरह से सफल हुए.
जापान ने भारत को उसके विकास के लिए 35 अरब डॉलर का आश्वासन भी दिया है और भारतीय कारोबारियों के लिए रास्ते भी खोले हैं. मोदी जापान में इतने लोकप्रिय हो जाएंगे. ऐसा कभी सोचा भी नहीं गया था. उनके सहज स्वभाव और जनता से सीधे संवाद करने की कला ने वहां उन्हें "हीरो" बना दिया. वहां के अखबार उनकी प्रशंसा से अटे पड़े हैं. पिछले कुछ वर्षों से भारत की विदेश नीति अमेरिका केंद्रित होती जा रही थी लेकिन अब मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद हालात में जबर्दस्त बदलाव हुआ है. जापान इसका बड़ा उदाहरण है. उसने मोदी का दिल से स्वागत किया और हमारी रक्षा जरूरतों को समझते हुए उनमें मदद और टेक्नोलॉजी देने की बात कही. उससे भी बड़ी बात यह रही कि उसने भारत के रक्षा प्रतिष्ठानों पर से लगभग 16 साल पुराना प्रतिबंध हटा लिया.
मोदी ने जापान के पहले भूटान और नेपाल के लोगों का दिल जीतकर यह साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी कि उनकी नजरों में पड़ोसियों से रिश्ते बेहतर करना ज्यादा महत्वपूर्ण है. कुल मिलाकर देखा जाए तो मोदी ने विदेश नीति में नई ऊर्जा पैदा कर दी है और भारत को एक नई कतार में खड़ा करने की कोशिश की है. भारत की विदेश नीति कई वर्षों से एक दोराहे पर खड़ी थी और यह तय नहीं हो पा रहा था कि हम किसके साथ हैं और कौन हमारे साथ है. अब यह धुंध पूरी तरह से छंट गई है. देखना है कि इस महीने अमेरिका में मोदी क्या करते हैं और अमेरिकी सरकार क्या रुख रखती है.
मोदी सरकार के सौ दिन हो गए. सौ दिन किसी भी राष्ट्र की जिंदगी में कोई बेहद छोटी अवधि होती है लेकिन नई सरकार के मामले में ये काफी बड़ी लगती है. मोदी सरकार ने कई कदम उठाए और कई चीजों को दुरुस्त किया. उन्होंने और उनके मंत्रियों ने बहुत मेहनत से काम किया. उनके मंत्रियों में अनुभव की कमी है लेकिन कठिन परिश्रम से वे उसकी भरपाई करने की कोशिश कर रहे हैं. मोदी ने भ्रष्टाचार को अपने मंत्रिमंडल के इर्द-गिर्द फटकने भी नहीं दिया है और हर बडा़ कदम फूंक-फूंक कर उठाया जा रहा है. इस सरकार की सबसे बड़ी खूबी है कि इसने राष्ट्रहित को सर्वोपरि माना है और उस दिशा में ही काम किया है. यह सच है कि मोदी ने जितने बड़े वादे किए थे उनमें से अभी कइयों में काफी काम बाकी है.
सबसे बडा़ काम महंगाई रोकने का है जो देश की सबसे बड़ी समस्या है. इसके लिए उन्हें बड़े कदम उठाने होंगे. इतना ही नहीं उन्हें उन अधूरे कामों को पूरा करने में जी-जान से जुट जाना होगा जिनकी बातें वे हाल तक कर रहे थे. उन्हें कड़े फैसले करने होंगे ताकि अर्थव्यवस्था पटरी पर आए और रोजगार बढ़े ताकि वे करोड़ों युवा जो उनके साथ हैं, दूर न चले जाएं.