देश की चर्चित कैब सर्विस कंपनी ओला एक बार फिर से विवादित सुर्खियों में है. ताजा विवाद कैब ड्राइवर द्वारा अमेरिका की कंसल्टिंग कंपनियां कियरने के मैनेजमेंट कंसलटेंट कनव शर्मा के साथ दुर्व्यवहार का है. इसकी जानकारी कनव शर्मा ने ट्वीट कर दी थी. उन्होंने अपने ट्वीट के साथ ओला को भी टैग किया था. इसके जवाब में ओला कंपनी ने ट्वीट कर खेद जताया था और ड्राइवर के खिलाफ कार्रवाई की बात की थी, जिसके बाद ट्विटर पर #BoycottOla ट्रेंड करने लगा था.
अब ओला ने यूटर्न लिया और नया ट्वीट किया, जिसमें कहा कि हम सभी के निजी विचारों का सम्मान करते हैं और भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों व स्वास्थ विचारों के आदान-प्रदान को पसंद करते हैं. इस मामले में किसी भी पक्षकार को सजा नहीं दी गई है. साथ ही हम सभी से हर किसी के विचारों के सम्मान करने की गुजारिश करते हैं. ओला ने इस ट्वीट के साथ कनव शर्मा को भी टैग किया है.
We are respectful of all personal views and like India's democratic values, encourage healthy exchange of thoughts. None of the parties involved in this case have been penalized from using the platform and we urge everyone to respect difference of opinion at all times. @kanavdm https://t.co/JlfFPFJ1no
— Ola (@Olacabs) January 24, 2020
इससे पहले ओला कंपनी ने कनव शर्मा को किए जवाबी ट्वीट में कहा था, 'आपके साथ हुई घटना के लिए हमको खेद है. हमने ड्राइवर के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा है और यह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों.'
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ट्विटर यूजर कनव शर्मा ने आरोप लगाया था कि कैब ड्राइवर ने उनकी बातचीत पर टिप्पणी की और मोदी सरकार की आलोचना करने पर बदसलूकी की. हालांकि जब कनव शर्मा की शिकायत के बाद ओला ने ड्राइवर पर एक्शन लिया, तो ट्विटर पर लोगों ने ओला को बायकॉट करने की मुहिम छेड़ दी. इसके साथ ही देखते ही देखते शुक्रवार को ट्विटर पर #BoycottOla ट्रेंड करने लगा था.
शुक्रवार को कनव शर्मा ने ट्वीट कर कहा था कि कल ओला में सफर करने के दौरान ड्राइवर उनकी बातों को सुन रहा था और जवाब दिया कि अर्थव्यवस्था के लिए मोदी सरकार कैसे जिम्मेदार है? यह कांग्रेस की गलती का नतीजा है.
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कनव शर्मा ने दावा किया कि ड्राइवर ने कहा कि कांग्रेस ने JNU बनाया, जहां पर टुकड़े वाले नारे लगाए जाते हैं. जवाहर लाल नेहरू के दादा मुस्लिम थे. कनव शर्मा का कहना है कि जब उन्होंने ड्राइवर से तथ्य जांचने को कहा, तो जवाब में ड्राइवर ने मोदी सरकार की आलोचना पर उनको ही एंटी नेशनल गैंग का सदस्य बता दिया.
ट्विटर पर लोगों का फूटा था गुस्सा
इस पूरे विवाद के बाद सोशल मीडिया पर लोग ओला के खिलाफ लामबंद हो गए. ट्विटर पर #BoycottOla ट्रेंड होने लगा और लोगों की ओर से ओला के ऐप को डिलीट करने की अपील करने लगे. ट्विटर पर यूजर्स ने दावा किया कि ड्राइवर को नौकरी से निकाल दिया गया है.