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पिछले 10 सालों में ओडिशा के 400 से ज्यादा प्रवासी मजदूरों की देशभर में मौत: श्रम मंत्री का दावा

पिछले 10 वर्षों में ओडिशा के 403 प्रवासी मजदूरों की देशभर के विभिन्न राज्यों में काम के दौरान मौत हुई. इनमें सबसे अधिक 59 मौतें गंजाम जिले से हुईं. राज्य सरकार ने प्रवासी मजदूरों की समस्याओं को हल करने के लिए उच्चस्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया है.

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10 सालों में देश में ओडिशा के 400 मजदूरों की हुई मौत (प्रतीकात्मक फोटो)
10 सालों में देश में ओडिशा के 400 मजदूरों की हुई मौत (प्रतीकात्मक फोटो)

ओडिशा में पिछले 10 वर्षों में 403 प्रवासी मजदूरों की देशभर के अलग-अलग राज्यों में काम के दौरान मौत हुई है. यह जानकारी मंगलवार को विधानसभा में श्रम मंत्री गणेश राम सिंघकुंटिया ने दी. 

भाजपा विधायक टंकधर त्रिपाठी के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री ने बताया कि 2015 से 27 नवंबर 2024 तक सबसे ज्यादा 59 मौतें गंजाम जिले के प्रवासी मजदूरों की हुईं. इसके बाद कालाहांडी (39), बलांगीर (35), कंधमाल (32) और रायगढ़ा (28) जिलों के मजदूरों की मौत हुई है.

10 वर्षों में 403 प्रवासी मजदूरों की मौत 

मंत्री ने बताया कि प्रवासी मजदूरों के नियमन के लिए राज्य सरकार ने 2014 में अंतर-राज्य प्रवासी कामगार अधिनियम के तहत 388 लाइसेंस जारी किए, जिसके तहत 26,397 मजदूरों ने राज्य से बाहर जाकर काम किया. वहीं, 2024 में यह संख्या बढ़कर 60,683 हो गई, जिनके लिए 883 लाइसेंस जारी किए गए.

श्रम मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार ने प्रवासी मजदूरों की समस्याओं को हल करने के लिए डिप्टी सीएम केवी सिंह देव के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया है. यह टास्क फोर्स पंचायती राज और पेयजल विभाग के माध्यम से कार्य कर रही है.

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ओडिशा में मजदूरों के पलायन की समस्या गंभीर

बता दें, ओडिशा में मजदूरों के पलायन की समस्या को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने इसका समाधान खोजने का निर्णय लिया है. राज्य के उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंह देव ने कहा कि पलायन की समस्या का गहराई से अध्ययन किया जाएगा, ताकि मजदूरों को अपने ही राज्य में स्थायी आजीविका के अवसर उपलब्ध कराया जा सके. 

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