बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दिनों राज्य में 1 अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी की घोषणा की, जिसकी हर ओर चर्चा है. 'सुशासन बाबू' के इस कदम की जहां ओर चर्चा है, वहीं ओडिशा में शराब के उपभोग और निर्माण पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने को वहां की सरकार ने यह बताते हुए खारिज कर दिया है कि यह अवास्तविक होगा.
ओडिशा के आबकारी मंत्री दामोदर राउत ने विभानसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में कहा, 'यह यथार्थवादी कदम नहीं होगा कि पूरे राज्य में शराब प्रतिबंध लागू कर दिया जाए.' ओडिशा प्रदेश कांग्रेस समिति की महिला शाखा ने कई सामाजिक संगठनों के समर्थन से राज्य में शराब के उपभोग और निर्माण पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए मंगलवार को रैली की थी, जिसके बाद मंत्री का यह जवाब आया है.
'बढ़ेगा अवैध व्यापार'
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा अपने राज्य में शराब को प्रतिबंधित करने के बाद ओडिशा में सामाजिक संगठन और राजनीतिक दलों ने राज्य में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग को तेज कर दिया है. राउत ने कहा, 'यदि राज्य पूर्ण प्रतिबंध लगा भी देता है तो शराब पीने वालों का उससे लगाव खत्म करना असंभव है.' उन्होंने कहा कि शराब पर प्रतिबंध से शराब का अवैध व्यापार बढ़ेगा.
'बिक्री को नियमित करना है उपाय'
नवीन पटनायक की सरकार के मंत्री ने आगे कहा कि अवैध शराब पीने से लोगों के मरने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा, 'पूर्ण प्रतिबंध लगाने के बजाए लोगों के बीच उत्तम शराब की बिक्री और वितरण को नियमित करना उचित होगा. राउत ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार को ओडिशा में शराब की बिक्री से राजस्व अर्जित करने की मंशा भी नहीं है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस वित्त वर्ष में नवंबर के अंत तक 1139.83 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है.