राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर घमासान मच गया है. अब इस मामले में कांग्रेस नेता और पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की है. चिदंबरम ने कहा है कि बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार के पास एक बड़ा और ज्यादा भयावह एजेंडा है.
चिदंबरम ने कहा, 'अगर बीजेपी का दावा सही है तो मोदी सरकार को बिना शर्त यह बताना चाहिए कि वे 2010 के एनपीआर फॉर्म और डिजाइन का समर्थन करते हैं और इसको विवादास्पद एनआरसी से जोड़ने का कोई इरादा नहीं है.'
पी. चिदंबरम ने अपने ट्वीट में कहा, 'बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार के पास एक बड़ा और अधिक भयावह एजेंडा है और यही कारण है कि उनके द्वारा अनुमोदित एनपीआर, 2010 के एनपीआर और उसके टेक्स्ट से बहुत ही खतरनाक और अलग है. एनपीआर ने 2011 की जनगणना की तैयारी का समर्थन किया था. उसमें एनआरसी का कोई उल्लेख नहीं था.'
If the BJP's motives are bonafide, let the Government unconditionally state that they support the NPR form and design of 2010 and have no intention of linking it to the controversial NRC.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) December 26, 2019
NRC-NPR में संबंध से इनकार
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अपडेट करने का ऐलान कर दिया है. इस फैसले को एनआरसी से जोड़कर सवाल उठाए जा रहे हैं. हालांकि केंद्र सरकार इससे साफ तौर पर इनकार कर चुकी है और कहा है कि एनआरसी और एनपीआर दोनों के बीच कोई लिंक नहीं है.
NPR और NRC को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने बताया, 'NPR सिर्फ जनसंख्या का रजिस्टर है, जबकि एनआरसी में लोगों से प्रूफ मांगे जाते हैं कि आप किस आधार पर देश के नागरिक हैं. इन दोनों प्रक्रिया का कोई लेना-देना नहीं है और न ही दोनों प्रक्रिया का एक-दूसरे के सर्वे में उपयोग हो सकता है.'