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तो पार्लियामेंट स्ट्रीट पर 2000, जंतर-मंतर पर 1000 लोग ही कर सकेंगे प्रदर्शन!

सुप्रीम कोर्ट ने जंतर-मंतर पर आम जनता के विरोध प्रदर्शन के अध‍िकार को बहाल कर दिया है, लेकिन दिल्ली पुलिस चाहती है कि इस अध‍िकार की कुछ सीमा तय कर दी जाए. कोर्ट के निर्देश पर दिल्ली पुलिस द्वारा तैयार गाइडलाइन में यह बात दिख रही है.

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दिल्ली के जंतर-मंतर पर देश भर से लोग प्रदर्शन के लिए आते रहते हैं (फाइल फाेटो: PTI)
दिल्ली के जंतर-मंतर पर देश भर से लोग प्रदर्शन के लिए आते रहते हैं (फाइल फाेटो: PTI)

आम जनता को दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन करने का अधिकार सुप्रीम कोर्ट ने तो बहाल कर दिया है, लेकिन पुलिस इस पर अपने तरीके से अंकुश लगाने की कोशिश कर रही है. कोर्ट के निर्देश पर दिल्ली पुलिस ने एक नया गाइडलाइन तैयार किया है, जिसके मुताबिक पार्लियामेंट स्ट्रीट पर अधिकतम 2000 लोगों और जंतर-मंतर पर 1000 लोगों के साथ ही प्रदर्शन किया जा सकेगा. साथ ही, दिल्ली के बोट क्लब पर प्रदर्शन न करने देने की सिफारिश भी पुलिस ने की है.

गौरतलब है कि गत जुलाई माह में सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में जंतर-मंतर पर धरना करने पर लगी पाबंदी को हटा दिया था. कोर्ट के आदेश के बाद जंतर-मंतर और बोट क्लब पर भी लोग प्रदर्शन कर सकते हैं. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को इस बाबत गाइडलाइंस बनाने का भी निर्देश दिया था.

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दिल्ली के बोट क्लब पर साल 1993 में किसानों की एक रैली के दौरान एक दुर्घटना हो गई थी जिसके बाद से वहां प्रदर्शन करने पर रोक थी.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार दिल्ली पुलिस द्वारा इस बारे में तैयार गाइडलाइन के प्रारूप में यह बातें शामिल की गई हैं. गाइडलाइन के प्रारूप में यह प्रस्ताव रखा गया है कि बोट क्लब पर प्रदर्शन की इजाजत न दी जाए और अधिकतम 100 लोगों के साथ वहां 'सामाजिक और शैक्षणिक जागरूकता' के कार्यक्रम की करने की ही इजाजत दी जाए.'

जंतर-मंतर पर पुतला जलाने या खाना पकाने की इजाजत नहीं!

गाइडलाइन में कहा गया है कि यदि पार्लियामेंट स्ट्रीट और जंतर-मंतर पर प्रदर्शनकारी निर्धारित संख्या से ज्यादा जमा हो जाते हैं तो उन्हें ब्लैक लिस्ट कर दिया जाए और आगे दिल्ली में कहीं भी प्रदर्शन करने की इजाजत न दिया जाए. गाइडलाइन में कहा गया है कि प्रदर्शन करने वालों को लोगों के पुतले या कागजात जलाने, खाना पकाने और कचरा फैलाने पर भी रोक लगाई जाएगी.

यही नहीं, किसी भी संगठन को एक दिन में सिर्फ दो प्रदर्शन करने की इजाजत दी जाएगी और इसमें प्रदर्शनकारी 1,000 से ज्यादा नही होने चाहिए. साथ ही यह सुझाव भी दिया गया है कि बिना पूर्व इजाजत के लाउडस्पीकर या लोगों को संबोधित करने के किसी अन्य सिस्टम के इस्तेमाल की इजाजत न हो और यह इजाजत भी सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक के लिए ही हो.

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