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कश्मीर समस्या पर सार्थक वार्ता की जरूरत: गिलानी

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी ने भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चली आ रही ‘दुश्मनी और अविश्वास की भावना’ को खत्म करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि कश्मीर मुद्दे का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से निकाला जाना चाहिए.

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी ने भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चली आ रही ‘दुश्मनी और अविश्वास की भावना’ को खत्म करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि कश्मीर मुद्दे का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से निकाला जाना चाहिए.

गिलानी ने दोनों देशों के बीच ‘सार्थक और परिणामोन्मुखी वार्ता’ की मांग की. ‘कश्मीर सॉलिडेरिटी डे’ के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में कल गिलानी ने कहा, ‘‘लंबे समय से चली आ रही शत्रुता और अविश्वास की भावना को समाप्त करने एवं जम्मू कश्मीर के लोगों की इच्छाओं के मुताबिक कश्मीर मुद्दे का शांति पूर्ण तरीके से समाधान करने की दिशा में काम करने की जरूरत है.’’

उन्होंने कहा कि कश्मीर एक ‘अधूरा एजेंडा’ बना हुआ है और बड़ी संख्या में कश्मीरियों की मौत होने के बावजूद उसके वादे पूरे नहीं हुए हैं. उन्होंने कहा कि मुंबई हमले से पहले समग्र वार्ता प्रक्रिया के तहत भारत और पाकिस्तान के बीच रचनात्मक बातचीत हो रही थी और जम्मू-कश्मीर उस वार्ता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था. गिलानी ने कहा कि दुर्भाग्यवश मुंबई हमले के बाद भारत ने समग्र वार्ता प्रक्रिया रोक दी.

प्रधानमंत्री गिलानी ने कहा, ‘‘हमने भारत के साथ सभी लंबित मुद्दों के समाधान के लिए सार्थक और परिणामोन्मुखी वार्ता के लिए अपनी इच्छा दोहराई है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का मानना है कि द्विपक्षीय वार्ता प्रक्रिया में कश्मीरी लोगों को शामिल किया जाना चाहिए. उन्होंने दावा किया कि कश्मीर मुद्दा दक्षिण एशिया में तनाव का मुख्य कारण है. गिलानी ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा से कश्मीर समस्या के समाधान के लिए सार्थक वार्ता की आवश्यकता पर जोर देता रहा है. गिलानी ने यह भी कहा कि इस मुद्दे का समाधान संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव के मुताबिक होना चाहिए.

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