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निजी मेडिकल-डेंटल कॉलेजों की समस्याओं के हल के लिए समिति

मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महेन्द्र हार्डिया ने कहा है कि राज्य सरकार की मंशा है कि समय-समय पर इन संस्थाओं से मिलने वाली शिकायतों का एक साथ प्रभावी ढंग से समाधान किया जाये.

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मध्य प्रदेश नक्शा
मध्य प्रदेश नक्शा

मध्य प्रदेश में चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार में निजी मेडिकल कालेजों और डेंटल कालेजों की महत्वपूर्ण भूमिका बताते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महेन्द्र हार्डिया ने कहा है कि राज्य सरकार की मंशा है कि समय-समय पर इन संस्थाओं से मिलने वाली शिकायतों का एक साथ प्रभावी ढंग से समाधान किया जाये.

हार्डिया ने प्रदेश में निजी मेडिकल कालेजों और डेंटल कालेजों के अध्यक्षों और निदेशकों के साथ सीधा संवाद करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य निजी संस्थाओं तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करना है.

संवाद के बाद हार्डिया ने प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा की अध्यक्षता में एक समिति के गठन की घोषणा की जिसमें निजी मेडिकल और डेंटल कालेजों के प्रतिनिधि भी शामिल रहेंगे. समिति की पहली बैठक 19 दिसंबर को होगी, जिसमें इन संस्थाओं की समस्याओं पर विचार किया जायेगा.

संवाद के दौरान निजी चिकित्सा एवं डेंटल कालेजों के अध्यक्षों तथा निदेशकों ने प्रवेश, फीस और अन्य संबंधित मुद्दों पर अपना पक्ष रखा. उनका मानना था कि निजी चिकित्सा कालेजों में फीस कम है जिससे उन्हें उत्कृष्टता के साथ कालेज संचालन में असुविधा होती है.

यह बात भी सामने आई कि निजी मेडिकल कालेजों में अधिकतर संख्या राज्य के बाहर के विद्यार्थियों की होती है और इन संस्थाओं का लाभ प्रदेश को नहीं मिल पाता.

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