scorecardresearch
 

देश का मिजाजः मोदी सरकार के लिए बेरोजगारी बड़ी चुनौती, जानें- कितनी आबादी इससे चिंतित

आजतक-कार्वी इंसाइट्स के सर्वे में 11 फीसदी लोग भ्रष्टाचार को लेकर फ्रिकमंद दिखे, जबकि 10 फीसदी जनता मानती है कि आज की तारीख में महंगाई देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती है. सर्वे में शामिल 35 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें बेरोजगारी इस वक्त सबसे बड़ी समस्या लगती है. 

Advertisement
X
देश के ज्यादातर लोगों को बेरोजगारी सबसे बड़ी चिंता लगती है (Photo: File)
देश के ज्यादातर लोगों को बेरोजगारी सबसे बड़ी चिंता लगती है (Photo: File)

देश में इस वक्त सबसे बड़ी समस्या क्या है? किस बात को लेकर आम आदमी सबसे ज्यादा चिंतित है? आजतक ने कार्वी इंसाइट्स के साथ मिलकर 'देश का मिजाज' जानने की कोशिश की. इस सर्वे में बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा बनकर सामने आया है. सर्वे में शामिल 35 फीसदी जनता ने सर्वे में कहा कि उन्हें बेरोजगारी इस वक्त सबसे बड़ी समस्या लगती है.  

किसानों को लेकर देश का मिजाज

किसानों की समस्या को लेकर विपक्ष ने हमेशा मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की है. सरकार ने भी किसानों को लेकर कई बड़े कदम उठाए हैं, जिससे धीरे-धीरे देश के अन्नदाताओं की आर्थिक सेहत सुधर रही है, इसके बावजूद में सर्वे में 16 फीसदी लोगों ने माना कि अभी भी किसानों में असंतोष है और यह एक चिंता का विषय है.

Advertisement

भ्रष्टाचार भी चिंता का विषय

सर्वे में 11 फीसदी लोग भ्रष्टाचार को लेकर फ्रिकमंद दिखे, जबकि 10 फीसदी जनता मानती है कि आज की तारीख में महंगाई देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती है. करीब 9 फीसदी लोगों ने कहा कि देश की गिरती अर्थव्यवस्था उनके लिए सबसे गंभीर मुद्दा है.

गरीब-अमीर के बीच बढ़ रही है खाई

करीब 8 फीसदी जनता ने सर्वे में कहा कि देश में अमीर-गरीब के बीच बढ़ती खाई से वे परेशान हैं और उनके लिए तो मौजूदा समय में यही चिंता का विषय है. हालांकि महिला सुरक्षा, पेयजल और शिक्षा-स्वास्थ्य जैसे मुद्दों को लेकर देश में करीब 2-2 फीसदी लोगों ने सर्वे में चिंता जाहिर की. कुल मिलाकर आजतक के इस सर्वे से साफ संकेत मिल रहा है कि बेरोजगारी देश में सबसे बड़ी समस्या है और सरकार को अब सबसे ज्यादा इसी पर फोकस करने की जरूरत है.

सर्वे में 19 राज्यों के लोगों से बातचीत

आजतक और कार्वी इनसाइट्स ने इस सर्वे के लिए 12,126 लोगों का साक्षात्कार किया, जिसमें 67 फीसदी ग्रामीण और 33 फीसदी शहरी लोग शामिल थे. इस सर्वे में देश के 19 राज्यों के 97 संसदीय क्षेत्रों और 194 विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया. उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, असम, मध्य प्रदेश, बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र, राजधानी दिल्ली और पश्चिम बंगाल में यह सर्वे कराया गया. यह सर्वे जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के तहत विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने से पहले हुआ था.

Advertisement

Advertisement
Advertisement