राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के मुखिया मोहन भागवत ने कहा है कि देश के युवाओं को अगले 50 सालों तक सारे देवी-देवताओं को भूलकर सिर्फ भारत माता की सेवा करनी चाहिए.
भागवत ने अपने बयान के जरिये संकेत दिए हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव में 'मंदिर वही बनाएंगे' के बजाए नरेंद्र मोदी का 'इंडिया फर्स्ट' का नारा सर्वोपरि रहेगा.
देवालय से पहले शौचालय की वकालत कर चुके हैं मोदी
भागवत ने संघ की विचारधारा वाली पत्रिका 'साधना' के एक कार्यक्रम में अहमदाबाद में गुरुवार को यह बात कही. उनका यह बयान थोड़ा चौंकाने वाला भी है क्योंकि हिंदू देवी-देवताओं को लेकर संघ का रवैया हमेशा से 'अतिसंवेदनशील' रहा है. इससे पहले नरेंद्र मोदी भी देश में देवालय से पहले शौचालय बनवाने की वकालत कर चुके हैं.
इस कार्यक्रम के बाद भागवत ने नरेंद्र मोदी के साथ बंद कमरे में बैठक भी की. दोनों के बीच चुनाव व राष्ट्रीय मुद्दों पर करीब 50 मिनट तक चर्चा हुई.
बच्चों को एक ही कहानी पढ़ाने से काम नहीं चलेगा
'साधना' के कार्यक्रम में भागवत ने कहा, 'देश के युवाओं को अगले 50 साल तक भारत माता की संतानों की सेवा का संकल्प लेकर तुरंत सेवा कार्य में जुट जाना चाहिए. बच्चों को अब एक कथा, एक पुराण और एक सी कहानियां पढ़ाने से काम नहीं चलेगा. दुनिया बदल रही है, समय के साथ कदम मिलाकर चलना होगा.'
भागवत ने स्वामी विवेकानंद का उदाहरण देते हुए कहा, 'जीवन में व्यवहार को बदलना जरूरी है. मन में सेवा करने की तड़प होनी चाहिए. उत्तराखंड आपदा के समय जब सरकार सब कुछ होते हुए भी तीन दिन तक हाथ पर हाथ धरे बैठी रही, संघ के स्वयंसेवक सेवा कार्य में जुट गए, क्योंकि उनके मन में सेवा भाव था.'
सरकार के पास नहीं है नीति-नीयत
भागवत ने संघ कार्यकर्ताओं के दो दिवसीय सम्मेलन के लिए गुजरात में हैं. भागवत ने केंद्र सरकार पर भी जमकर प्रहार किए. उन्होंने कहा, 'सरकार में किसी नेता के पास इच्छाशक्ति नहीं है. धन, बजट, व्यवस्था और प्रशासनिक अमला होते हुए भी वह काम करती नजर नहीं आती, क्योंकि उसके पास नीति और नीयत दोनों नहीं हैं.'