लोकसभा में मंगलवार को नागरिकता बिल पेश किया गया और इस पर लंबी चर्चा हुई. इसी दौरान नई दिल्ली से भारतीय जनता पार्टी की सांसद मीनाक्षी लेखी ने भी अपने विचार साझा किए. सख्त लहजे में बोलते हुए मीनाक्षी लेखी ने अवैध रूप से भारत की सीमा में आने वाले घुसपैठियों के लिए वाहियात शब्द का इस्तेमाल किया. करीब 5 मिनट के अपने बयान में उन्होंने 8 बार वाहियात शब्द या वाहियात हरकत का जिक्र किया.
अपने भाषण की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा कि 1947 की आजादी के बाद दो और देश बने (पाकिस्तान व बंग्लादेश) और वहां हिंदुओं की क्या हालत है, इस पर चर्चा करने की जरूरत है. मीनाक्षी लेखी ने बताया कि इन दोनों देशों का आकलन करने से पता चला है कि वहां हिंदू समाज का बड़ा नुकसान हुआ है. इन दोनों देशों में जो हिंदू 15 प्रतिशत था वो घटकर एक देश में 0.72 और दूसरे देश में 7 प्रतिशत रह गया है. लेखी ने बताया कि नागरिकता बिल लाने का यही कारण है.
इसके बाद मीनाक्षी लेखी ने सख्त अंदाज में उस दौर की घटनाओं का जिक्र किया और उन्हें वाहियात हरकत कहकर संबोधित किया. लेखी ने कहा, 'जिस तरह की वाहियात हरकतें उस दौरान हुईं उसमें 2.5 लाख से ज्यादा हिंदू औरतों के साथ बलात्कार किया गया. उन वाहियात हरकतों में 1971 के अंदर 30 लाख लोगों को मारा गया है, जिनमें से 20 लाख हिंदू थे और कुछ मुस्लिम थे, जिन्हें गैर-इस्लामिक बताया गया.'
इसके आगे उन्होंने असम में मुसलमानों की आबादी में हुए इजाफे को भी वाहियात हरकत से जोड़ दिया. उन्होंने कहा, 'उसी वाहियात हरकत के कारण असम में मुसलमानों की आबादी जो 1901 में 12.4 फीसदी थी, वो 2011 में बढ़कर 34.22 फीसदी हो गई है.' मीनाक्षी लेखी ने आरोप लगाया कि यह कुछ और नहीं सिर्फ तुष्टिकरण की वाहियात राजनीति का नतीजा है.
इससे आगे उन्होंने मंगलवार को सदन में इस बिल पर चर्चा के दौरान उठी विरोध की आवाज को भी वही संज्ञा दी. लेखी ने कहा कि इस देश के अंदर वाहियात हरकतें व तुष्टिकरण की राजनीति होती रही है और आज भी इस बिल पर वाहियात हरकतों को दोहराया जा रहा है.
बता दें कि नागरिकता बिल पर चर्चा के दौरान टीएमसी, AIMIM जैसे दलों ने अपना विरोध दर्ज कराया है. जबकि कांग्रेस ने एक बार फिर बिल को स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजने की मांग की. यह मांग नहीं माने जाने पर कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट कर दिया.