दिल्ली सरकार ने विवाह पंजीकरण नियमों में आज ढिलाई की जिससे दूसरे राज्यों के जोड़ों के लिए यहां विवाह का पंजीकरण कराना आसान हो सकता है.
दिल्ली मंत्रिमंडल ने यहां बैठक में 1956 के दिल्ली हिंदू विवाह पंजीकरण नियम की उस धारा को खत्म कर दिया है जिसमें राजधानी में सिर्फ वैसी शादियों का ही प्रावधान था जिसमें दंपति को यह प्रमाणित करना होता था कि पति-पत्नी या उनमें से किसी एक के अभिभावक पंजीकृत क्षेत्र में एक महीने से निवासी हैं.
बहरहाल, इसके लिए विवाह दिल्ली में संपन्न होना जरूरी है.
सरकार ने यह फैसला परिवार की झूठी शान के लिए हत्याओं की बढ़ रही घटनाओं के आलोक में किया है.
अधिकारियों ने कहा कि कानून की इस विशेष धारा के चलते उन जोड़ों को बहुत दिक्कत होती थी जो दिल्ली में अपने विवाह का पंजीकरण कराना चाहते थे. अब दूसरे राज्य के जोड़ों को यहां अपने विवाह का पंजीकरण कराने में आसानी होगी.