उत्तर प्रदेश के कासगंज में राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी को चलती ट्रेन से फेंके जाने की घटना पर रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने रिपोर्ट मांगी है.
घटना पर दुख जताते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह की मौत त्रासदी हैं और राष्ट्रीय खिलाड़ी की मौत तो और भी बड़ी त्रासदी है. उन्होंने दोषियों के खिलाफ एक्शन लेने का भरोसा दिया है. मनोज सिन्हा ने राज्य सरकार पर जिम्मेदारी डालते हुए कहा, 'इस तरह की शिकायतें आती रही हैं. रेलवे पुलिस राज्य सरकार के अधीन है. हम राज्य को इस बारे में लिखते रहे हैं.'
उन्होंने कहा कि हम इस बारे में लोगों को जागरूक भी करते रहे हैं कि टिकट चेक करना रेलवे पुलिस का काम नहीं है.
महिला कोच में था खिलाड़ी
गौरतलब है कि कासगंज में महज 200 रुपयों के लिए रेलवे पुलिस के सिपाहियों ने राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी को चलती ट्रेन से फेंक दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. खिलाड़ी की गलती बस इतनी थी कि वह कुछ देर के लिए महिला कोच में आकर बैठ गया था.
तलवारबाजी के राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी होशियार सिंह अपनी पत्नी ज्योति सिंह और मां शशि के साथ अपने 7 माह के बेटे युवराज का मुंडन कराकर पैसेंजर ट्रेन से कासगंज से मथुरा लौट रहे थे. होशियार ने मां और पत्नी को महिला कोच में बैठा दिया और खुद आकर जनरल कोच में बैठ गए. ट्रेन चलने के कुछ देर बाद ही पत्नी ने उन्हें फोन कर तबीयत खराब होने की जानकारी दी.
पुलिस वालों पर 200 रुपये मांगने का आरोप
सिकंदरा राउ स्टेशन पर ट्रेन रुकने पर जब वे पत्नी और मां के पास महिला कोच में पहुंचे, तो वहां मौजूद रेलवे पुलिस के सिपाहियों ने उन्हें कोच से उतरने के लिए कहा. इस पर होशियार ने पत्नी की तबीयत खराब होने की बात कहते हुए अपने को तलवारबाजी का राष्ट्रीय खिलाड़ी बताया. लेकिन आरोप है कि सिपाहियों ने उनसे महिला कोच में बैठे रहने के लिए 200 रुपये की मांग की.
इसी पर गरमागरम बहस धक्का-मुक्की में बदल गई. आरोप है कि सिपाहियों ने होशियार सिंह को चलती ट्रेन से धक्का दे दिया, जिससे उनकी सिकंदरा राउ स्टेशन पर ही मौत हो गई.