बीजेपी के रथ को रोकने के लिए 23 साल तक एक दूसरे के विरोधी रहे लालू यादव और नीतीश कुमार साथ आ गए हैं. लगता है अब अगली दोस्ती सपा और बीएसपी के बीच होगी. समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव का कहना है कि वह बीजेपी को रोकने के लिए बीएसपी मुखिया मायावती से हाथ मिलाने को तैयार हैं.
उधर, मुलायम सिंह के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि उनसे हाथ मिलाने का सवाल ही नहीं है. मायावती ने मुलायम से हाथ मिलाने की किसी भी बात को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह सांप्रदायिक ताकतों से मिले हुए हैं.
दरअसल, लालू यादव ने हाल ही में हाजीपुर रैली में बीजेपी का सफाया करने के लिए मायावती और मुलायम सिंह यादव से हाथ मिलाने की अपील की थी.
लालू की इस अपील पर प्रतिक्रिया देते हुए मुलायम सिंह यादव ने कहा, 'अगर लालू मध्यस्थता करेंगे तो मैं बसपा के साथ गठबंधन को तैयार हूं.'
आपको बता दें कि लोकसभा में बीजेपी की शानदार जीत से सबसे बड़ा नुकसान बिहार और उत्तर प्रदेश के क्षत्रपों को हुआ. बिहार में नीतीश की जेडीयू और आरजेडी का सूपड़ा साफ हो गया. वहीं, उत्तर प्रदेश में बीएसपी एक भी सीट नहीं जीत सकी और मुलायम की पार्टी सपा सिर्फ 5 सीटों पर सिमट गई.
सपा-बीएसपी के साथ आने पर जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा, हमनें बिहार में ऐसा करके दिखाया है. अब हम इस समीकरण को पूरे देश में दोहराएंगे. इस पर ज्यादा कुछ नहीं कह सकता क्योंकि बातचीत शुरुआती स्तर में हैं.
विरोधी पार्टियों की नई दोस्ती पर चुटकी लेते हुए बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, जो लोग गैर-कांग्रेसवाद के संकल्प के साथ राजनीति में आए थे. आज सबके सब कांग्रेस के साथी हो गए हैं. अगर ये लोग गैर-बीजेपी मोर्चा बनाना चाहते हैं तो उनका स्वागत है. इनका हश्र लोकसभा चुनाव जैसा ही होगा.