राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने आम आदमी पार्टी के नेताओं को ‘अहंकार का प्रतीक’ करार दिया है. राकांपा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चुनौती दी कि वह कांग्रेस को एक पंक्ति वाला पत्र लिखकर समर्थन वापस लेने का अनुरोध करके दिखाएं.
राकांपा के प्रवक्ता डीपी त्रिपाठी ने आम आदमी पार्टी के नेता और उनके सहकर्मियों की तुलना राक्षस कालनेमि से करते हुए कहा, 'जब केजरीवाल और उनके मित्र नैतिकता की बातें करते हैं तो मुझे लगता है जैसे कि कालनेमि हनुमान चालिसा पढ़ रहा हो.' इसके बाद उन्होंने ये भी बताया कि कालनेमि कौन था. उन्होंने कहा कि कालनेमि एक राक्षस था, जो हनुमान जी को मारना चाहता था.
डीपी त्रिपाठी ने कहा, 'यदि केजरीवाल के पास हिम्मत और कुव्वत है, तो वह अपनी सरकार से समर्थन वापस लेने के लिए कांग्रेस को एक पंक्ति वाला पत्र लिखेंगे.' उन्होंने जोर देकर कहा कि न तो गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने और न ही केंद्र ने AAP की मांग पर कोई गलती की.
त्रिपाठी ने कहा कि गलती सिर्फ यह हुई कि दिल्ली पुलिस अराजक विधि मंत्री को गिरफ्तार करने में नाकाम रही. आम आदमी पार्टी नेताओं को 'घमंड का प्रतीक' और 'शालीनता और नैतिकता' में कमी वाला बताते हुए त्रिपाठी ने कहा कि दिल्ली के कानून मंत्री को लोक सेवकों के काम में बाधा डालने सहित 11 आरोपों के तहत तुरंत गिरफ्तार किया जा सकता था.
देश के गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के बारे में केजरीवाल की बातों पर आपत्ति जताते हुए त्रिपाठी ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री 'खुद से चुना हुआ पागलपन' कर रहे हैं, क्योंकि वह 'न्याय, विधि के शासन और संविधान में फंस' गये हैं.
यह पूछे जाने पर कि अगर केजरीवाल प्रधानमंत्री बनते हैं तो उन्होंने कहा कि फिर 'स्थायी पागलपन' होगा. त्रिपाठी ने दावा किया कि दिल्ली की सत्ता में आने के एक महीने के भीतर आम आदमी पार्टी की 'विश्वसनीयता में गिरावट' हुई है.