करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन से पहले वहां जाने वाले भारतीय तीर्थयात्रियों को बड़ी राहत मिली है. सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान ने भारत से बात कर कहा है कि करतारपुर कॉरिडोर आने वाले सभी भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए पासपोर्ट की छूट दी जाएगी. साथ ही भारत को सूचित किया कि आने वाले तीर्थयात्रियों के पहचान के लिए कोई भी आईडी स्वीकार्य होगी. इस बात की पुष्टि राजनयिक सूत्रों ने की है.
इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को ट्वीट के जरिए एकतरफा एलान किया था कि करतारपुर साहिब कॉरिडोर के उद्घाटन के पहले दिन हर तीर्थयात्री से 20 डॉलर की फीस नहीं वसूली जाएगी. साथ ही पासपोर्ट की भी जरूरत नहीं होगी. इमरान के इस ट्वीट से भारत में काफी भ्रम की स्थिति हो गई थी.
क्या था इमरान के ट्वीट में
सूत्रों ने बताया, 'पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के ट्वीट ने पूरी तरह भ्रम की स्थिति उत्पन्न कर दी है कि तीर्थ के लिए पासपोर्ट की जरूरत नहीं होगी. जबकि MoU में इस जरूरत का जिक्र है. इमरान के ट्वीट के मद्देनजर पाकिस्तान की ओर से MoU को संशोधित करने के लिए कोई पेशकश नहीं की गई है. ऐसे में श्रद्धालुओं को साफ नहीं है कि तीर्थ के लिए कौन से दस्तावेज साथ ले जाने हैं.'
तीर्थयात्रियों के लिए पासपोर्ट में छूट
पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन से पहले वहां जाने वाले भारतीय तीर्थयात्रियों को बड़ी राहत दी है. सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान ने भारत से बात कर कहा है कि करतारपुर कॉरिडोर आने वाले सभी भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए पासपोर्ट की छूट दी जाएगी.
साथ ही भारत को सूचित किया कि आने वाले तीर्थयात्रियों के पहचान के लिए कोई भी आईडी स्वीकार्य होगी. इस बात की पुष्टि राजनयिक सूत्रों ने की है.
राजनितिक गतिविधियों पर रोक
पाकिस्तान ने बुधवार को यह भी साफ किया कि गुरु नानकदेव की 550वीं जयंती और करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन के अवसर पर पाकिस्तान आने वाले सिख श्रद्धालुओं को किसी तरह की राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने की इजाजत नहीं होगी.
इवाक ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ETPB) के चेयरमैन डॉक्टर अमीर अहमद ने कहा कि धार्मिक जगह पर किसी तरह की राजनीतिक गतिविधि की अनुमति नहीं होगी. यह पूरी तरह से प्रतिबंधित है और अगर कोई भी सिख इस तरह की किसी भी गतिविधि में शामिल होता है तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.
इवाक ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड एक वैधानिक बोर्ड है जो विभाजन के दौरान हिंदुओं और सिखों की ओर से छोड़े गए धार्मिक संपत्तियों और मंदिरों का प्रबंधन करता है.
पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के अध्यक्ष सरदार सतवत सिंह ने इस विवाद पर किसी तरह का कोई कमेंट देने से मना कर दिया और उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है.
इस बीच करीब 1500 भारतीय सिख वाघा बॉर्डर के जरिए पाकिस्तान पहुंच चुके हैं और 4500 भारतीय सिख करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेंगे जो गुरु नानक देव के 550वीं जयंती के अवसर पर खोला जाएगा.