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मोदी से 'पंगा' लेने वाली मिजोरम की राज्यपाल कमला बेनीवाल बर्खास्त

मिजोरम की राज्यपाल कमला बेनीवाल को उनका कार्यकाल समाप्त होने से महज दो महीने पहले बर्खास्‍त कर दिया गया. गुजरात के राज्यपाल के रूप में उनके और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के रिश्ते कड़वाहट भरे थे. लोकायुक्त की नियुक्ति और कुछ अन्य विधेयकों को लेकर दोनों के बीच टकराव हुआ था.

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Kamala Beniwal
Kamala Beniwal

मिजोरम की राज्यपाल कमला बेनीवाल को उनका कार्यकाल समाप्त होने से महज दो महीने पहले बर्खास्‍त कर दिया गया. गुजरात के राज्यपाल के रूप में उनके और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के रिश्ते कड़वाहट भरे थे. लोकायुक्त की नियुक्ति और कुछ अन्य विधेयकों को लेकर दोनों के बीच टकराव हुआ था. बेनीवाल को हाल ही में गुजरात से मिजोरम भेजा गया था.

राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी सूचना के अनुसार, ‘राष्ट्रपति का निर्देश है कि डॉक्टर कमला बेनीवाल अब मिजोरम की राज्यपाल नहीं रहीं.’ उनके अहमदाबाद से आइजॉल पहुंचने के महज एक महीने बाद यह कदम उठाया गया है. सूचना के अनुसार, स्थायी व्यवस्था होने तक मणिपुर के राज्यपाल वीके दुग्गल को मिजोरम के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है.

मोदी से नहीं रहे अच्छे संबंध
बर्खास्‍तगी के आदेश के साथ ही राजस्थान से आने वाली 87 वर्षीय कांग्रेस नेता का राज्यपाल के रूप में कार्यकाल समाप्त हो गया है. गुजरात के राज्यपाल के रूप में मोदी से तनातनी के बीच बेनीवाल ने न्यायमूर्ति आरए मेहता (अवकाश प्राप्त) को गुजरात का लोकायुक्त नियुक्त किया जिसके खिलाफ राज्य ने पहले हाई कोर्ट, फिर सुप्रीम कोर्ट में अपील की. अदालत ने इसे बरकरार रखा.

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हालांकि न्यायमूर्ति मेहता ने पद स्वीकार नहीं किया था और मोदी सरकार ने नया नाम तय किया था. इसके अलावा कमला बेनीवाल ने राज्य विधानसभा में पारित विभिन्न विधेयकों को भी रोक दिया था. उनमें से एक स्थानीय निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने के संबंध में था.

बर्खास्त की जाने वाली दूसरी राज्यपाल
बेनीवाल को पहले अक्तूबर 2009 में त्रिपुरा का राज्यपाल नियुक्त किया गया. वह पूर्वोत्तर राज्यों में पहली महिला राज्यपाल थीं. एक महीने बाद ही उन्हें गुजरात का राज्यपाल बना दिया गया था. पुडुचेरी के उपराज्यपाल वीरेन्द्र कटारिया को हटाए जाने के बाद बेनीवाल बर्खास्‍त की जाने वाली दूसरी राज्यपाल हैं. मोदी सरकार बनते ही राज्यपालों से इस्तीफा देने को कहा गया था, हालांकि उनमें से कुछ ने इस्तीफा दिया और कुछ अभी भी सरकार में बने हुए हैं. दिलचस्प बात यह है कि यूपीए सरकार द्वारा नियुक्त अन्य कांग्रेस नेता मार्ग्रेट अल्वा को राजस्थान की राज्यपाल के रूप में अपना कार्यकाल पूरा करने का अवसर दिया गया.

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