दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस राजिंदर सच्चर का निधन हो गया है. जस्टिस सच्चर ने 94 साल की उम्र में आखिरी सांस ली. उनका जन्म 22 दिसम्बर 1923 को हुआ था. जस्टिस सच्चर काफी समय से बीमार थे और हाल ही में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. भारत में मुसलमानों की स्थिति पर बनाई गई जस्टिस सच्चर कमेटी के लिए वो काफी चर्चा में रहे थे.
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जस्टिस राजिंदर सच्चर का जन्म 22 दिसबंर 1923 को हुआ था. उनके पिता का नाम भीम सेन सच्चर था. उन्होंने अपनी पढ़ाई लाहौर से की थी. डीएवी हाईस्कूल, गवर्नमेंट कॉलेज लाहौर और लॉ कॉलेज लाहौर से उन्होंने पढ़ाई की.
22 अप्रैल 1962 को राजेंद्र सच्चर ने शिमला कोर्ट में खुद को वकील के तौर नामांकित किया. 8 दिसंबर 1960 को राजेंद्र सच्चर सुप्रीम कोर्ट के वकील नियुक्त किए गए. यहां उन्होंने सिविल, क्रिमिनल और तमाम तरह के केस देखे.
12 फरवरी 1970 को राजिंदर सच्चर 2 साल के लिए दिल्ली हाई कोर्ट के एडिशनल जज नियुक्त किए गए. इसके बाद 12 फरवरी 1972 को वो फिर से दो साल के लिए एडिशनल जज नियुक्त किए गए.
5 जुलाई 1972 को राजिंदर सच्चर दिल्ली हाई कोर्ट के स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किए गए. 16 मई 1975 से 10 मई 1976 तक राजिंदर सच्चर सिक्किम हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस रहे. इसके बाद उन्हें राजस्थान हाई कोर्ट का जज नियुक्त कर दिया गया.
सिक्किम से राजस्थान के लिए ट्रांसफर बिना राजिंदर सच्चर की सहमति के किया गया था. ये फैसला इमरजेंसी के दौर में लिया गया था. सच्चर राजस्थान हाई कोर्ट में जून 1975 से मार्च 1977 तक रहे. इमरजेंसी के बाद 9 जुलाई 1977 को सच्चर का ट्रांसफर फिर से दिल्ली हाई कोर्ट हो गया.
जून 1977 में जस्टिस सच्चर कंपनी एक्ट को रिव्यू करने के लिए बनाई गई कमेटी में रखे गए. इसके बाद मई 1984 में सच्चर ने औद्योगिक विवाद अधिनियम की समीक्षा की.
राजिंदर सच्चर 22 दिसंबर 1985 से अपने रिटायरमेंट 22 अगस्त 1985 तक दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे.
इसके अलावा जस्टिस सच्चर संयुक्त राष्ट्र में मानव अधिकारों के संवर्धन और संरक्षण के उप-आयोग के सदस्य भी रहे.
मार्च 2005 में जस्टिस राजिंदर सच्चर के नेतृत्व में सच्चर कमेटी बनाई गई थी. भारत में मुस्लिम समुदाय की आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक स्थिति का अध्ययन करने के लिए सच्चर कमेटी बनी थी.