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इंटरनेट हिंदुओं की भाषा आपत्तिजनक क्यों है?

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार हर किसी को है. लेकिन इंटरनेट पर सक्रिय हिंदू ग्रुप्स के साथ बड़ी दिक्कत यह है कि वे बहुत जल्दी असहनशील हो जाते हैं और निम्न कोटि की भाषा का इस्तेमाल करने लगते हैं. जाहिर सी बात है, इसमें अपवाद भी हैं. लेकिन इंटरनेट पर सक्रिय ज्यादातर हिंदू ब्रिगेड को भाषा के मोर्चे पर सभ्य नहीं पाया गया.

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भारत के इंटरनेट पर भगवा का कब्जा
भारत के इंटरनेट पर भगवा का कब्जा

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार हर किसी को है. लेकिन इंटरनेट पर सक्रिय हिंदू ग्रुप्स के साथ बड़ी दिक्कत यह है कि वे बहुत जल्दी असहनशील हो जाते हैं और निम्न कोटि की भाषा का इस्तेमाल करने लगते हैं. जाहिर सी बात है, इसमें अपवाद भी हैं. लेकिन इंटरनेट पर सक्रिय ज्यादातर हिंदू ब्रिगेड को भाषा के मोर्चे पर सभ्य नहीं पाया गया.

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वे कांग्रेस नेताओं, कांग्रेस समर्थकों और ज्यादातर पत्रकारों को 'पेड मीडिया' का हिस्सा समझते हैं और जब-तब उन पर हमला करते रहते हैं. इन सोशल मीडिया ग्रुप्स ने कोड भाषा ईजाद की है जिनके आपत्तिजनक मतलब होते हैं. कई बार तो संवाद धमकी और अपशब्दों तक भी पहुंच जाते हैं.

पत्रकार सागारिका घोष अपने टीवी शो और लेखों की वजह से अकसर इन इंटरनेट हिंदुओं के हमलों से दो-चार होती हैं. वह बताती हैं, 'एक बार किसी ने मुझसे कहा कि वह मेरी बेटी की स्कूल टाइमिंग जानते हैं. मैं वाकई डर गई. ऐसी चीजें ट्विटर को बदनाम करती हैं. वरना यह शानदार लोकतांत्रिक माध्यम है.'

हालात यहां तक पहुंच गए कि मई में बीजेपी आईटी सेल के हेड अरविंद गुप्ता को पार्टी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और समर्थकों के लिए सोशल मीडिया गाइडलाइंस जारी करनी पड़ीं. इसमें लिखा था, 'सोशल मीडिया पर आपके व्यवहार से पार्टी की छवि बनती है. अलग-अलग मुद्दों पर स्वस्थ बहस को बढ़ावा देना चाहिए क्योंकि इससे चीजों की बारीक समझ मिलती है. लेकिन इस बहस में जबरदस्ती किसी को शामिल न किया जाए और न ही इसे ऐसा रूप दिया जाए कि यह किसी तरह की 'साइबर बुलींग' में तब्दील हो जाए.'

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इंटरनेट हिंदुओं की ऑनलाइन कोडिंग
पैट्रियॉटिक ट्वीपल (PTs): ट्विटर पर सक्रिय भगवा समर्थकों के लिए प्रयोग किया जाने वाला शब्द.
फिबरल (Fibral): लिबरल राजनीतिक रवैये का आदमी जो 'फिब' यानी झूठ बोलता हो. सुब्रमण्यम स्वामी ने एक बार ट्वीट किया था, 'भारतीय लिबरल हमेशा झूठ बोलते हैं. इसलिए हमें उन्हें फिबरल कहना चाहिए ताकि उन्हें दूसरे लिबरल्स से अलग कर सकें.'
सिक्युलर/स्यूडोसिक्युलर (Sickular/PseudoSickular): उन लोगों के लिए जो अल्पसंख्यकों, खास तौर से मुसलमानों के लिए प्रेम प्रदर्शित करते हैं.
ईनरेगा (eNarega): इंटरनेट हिंदुओं का आरोप है कि कांग्रेस समर्थकों को ट्विटर पर पार्टी का प्रोपेगेंडा करने का रोजगार मिला हुआ है. इसे वे 'ईनरेगा' कहते हैं.
पेड मीडिया/चोर मीडिया: उन पत्रकारों के लिए जो नरेंद्र मोदी का कितना ही लॉजिकल विरोध क्यों न करें.
वीके (विषकन्या): सोनिया गांधी के लिए.
सीआरटी (CRT): कॉन्गी रेप्टाइल ट्वीपल. यानी ट्विटर पर सक्रिय कांग्रेस समर्थक

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