मध्यम दूरी की परमाणु सक्षम ब्लैस्टिक मिसाइल अग्नि-2 का गुरुवार को परीक्षण किया गया. ओडिशा तट पर परीक्षण कामयाब रहा. रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, बालासोर जिले में एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप पर इंटेग्रेटिड टेस्ट रेंज (आईटीआर) के प्रक्षेपण परिसर 4 से सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण किया गया. इसकी मारक क्षमता 2000 किलोमीटर है. इसका मतलब ये हुआ कि पाकिस्तान पूरी तरह से इसके रेंज में होगा. यही नहीं चीन के पश्चिमी इलाकों में भी इसकी पहुंच होगी.
ठोस ईंधन से चालित होने वाले इस मिसाइल में बढ़िया संचालन व्यवस्था है और पहले के अग्नि-2 मिसाइल के मुकाबले इसकी मारक क्षमता भी ज्यादा अचूक है. इसके अलावा इसे हल्का बनाने के लिए इसमें नई तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है.
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भारतीय सेना की विशेषीकृत मिसाइल हैंडलिंग यूनिट स्ट्रैटजिक फोर्सेज कमांड (एससीएफ) ने सुबह 10.20 बजे यह परीक्षण किया. अग्नि-2 मिसाइल में दो ठोस ईंधन और एक पोस्ट बूस्ट व्हिकल (पीबीवी) है, जो मिसाइल के रिएंट्री व्हिकल (आरवी) से जुड़ा हुआ है. यह 20 मीटर लंबी मिसाइल दो भागों में बंटी हुई है. इस मिसाइल की मारक क्षमता 2,000 किलोमीटर से अधिक है. यह लंबाई 20 मीटर है और इसका वजन 17 टन है .यह 1,000 किलोग्राम तक भार उठा सकती है.