भारत और श्रीलंका ने सुरक्षा से ले कर विकास से संबंधित सात करारों पर बुधवार को दस्तखत किए और तमिल विस्थापितों के पुनर्वास के उपायों पर चर्चा की.
श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिट्टे के साथ जंग के चलते विस्थापित हुए तकरीबन तीन लाख तमिलों के पुनर्वास के अपनी सरकार के प्रयासों की जानकारी दी. माना जाता है कि मनमोहन ने तमिल विस्थापितों के पुनर्वास की प्रक्रिया तेज करने पर जोर दिया.
मनमोहन और राजपक्षे दोनों नेताओं ने विभिन्न द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की. इनमें आर्थिक संबंधों का विस्तार, ऊर्जा सुरक्षा और विकास एवं आतंकवाद निरोध के क्षेत्र में सहयोग में इजाफा के मुद्दे शामिल हैं. इस क्रम में, सजा पाये लोगों के स्थानांतरण और आपराधिक मामलों में परस्पर कानूनी सहायता से जुड़े दो सहमति पत्रों पर भी दस्तखत किए गए. इन आशयपत्रों का उद्देश्य दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग को बढ़ाना है.
भारत और श्रीलंका ने दोनों देशों के विद्युत ग्रिड को जोड़ने के एक सहमतिपत्र पर भी हस्ताक्षर किए. इससे दोनों देश एक हजार मेगावाट ऊर्जा प्रेषित कर सकेंगे. इससे श्रीलंका में विद्युत आपूर्ति की स्थिति में सुधार आएगा. उल्लेखनीय है कि गृहयुद्ध के चलते श्रीलंका का विद्युत क्षेत्र का बुनियादी ढांचा बहुत प्रभावित हुआ.
दोनों देशों के बीच तलैमन्नार-मधु रेल संपर्क की स्थापना पर एक करार पर भी हस्ताक्षर हुए. राजपक्षे मंगलवार की शाम को चार दिन की राजकीय यात्रा पर भारत आए. यह इस साल जनवरी में जबरदस्त चुनावी जीत के बाद उनकी पहली भारत यात्रा है.