पाकिस्तान के वित्त राज्य मंत्री हमाद अजहर ने मंगलवार को इमरान खान सरकार की ओर सालाना बजट पेश किया. यह इमरान खान की अगुआई वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की सरकार का पहला पूर्णकालिक बजट था.
6 लाख करोड़ (6 ट्रिलियन) के बजट में 3.56 लाख करोड़ का भारी-भरकम बजट घाटा है. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था भारी संकट से जूझ रही है. जिस दिन पाकिस्तान सरकार ने अपना बजट पेश किया, उसके ठीक एक दिन पहले पाकिस्तान का 2018-19 का आर्थिक सर्वे जारी हुआ. इसमें कहा गया है कि वित्त वर्ष 2018-19 में पाकिस्तान की जीडीपी सिर्फ 3.3 फीसदी की दर से आगे बढ़ रही है. यह पिछले 9 सालों का न्यूनतम स्तर है.
पाकिस्तान बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों से भी जूझ रहा है. दूसरी तरफ, भारत में भी जीडीपी की वृद्धि दर में गिरावट दर्ज हुई है. साल 2018-19 में यह 6.8 फीसदी पर आ गई है जो पिछले पांच साल का सबसे निचला स्तर है. हालांकि, गिरावट के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था पड़ोसी पाकिस्तान की तुलना में काफी आगे है.
भारत की अर्थव्यवस्था ($ 2600 बिलियन), पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था से करीब 9 गुना बड़ी है.

इंडिया टुडे डाटा इंटेलीजेंस यूनिट (डीआईयू) ने दोनों पड़ोसी देशों- भारत और पाकिस्तान के बजट की तुलना करके जानना चाहा कि दोनों देश कैसे और कितना खर्च करते हैं.
पाकिस्तान में हाल ही पेश हुआ बजट कहता है कि पाकिस्तान पर इतना कर्ज है कि उसके बजट का बड़ा हिस्सा यानी 42 फीसदी तो कर्ज का ब्याज चुकाने में खर्च हो जाता है. जबकि भारत का कर्ज नियंत्रण में है. भारत अपने कुल बजट का मात्र 18 फीसदी कर्ज चुकाने पर खर्च करता है.

इसका नतीजा यह है कि भारत अपने बजट का 20 फीसदी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च करने में सक्षम है जिससे पूरे देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है. जबकि, पाकिस्तान अपने कुल बजट का मात्र 10.3 फीसदी ही ऐसी सरकारी योजनाओं पर खर्च करता है.
ब्याज की रकम चुकाने के अलावा, पाकिस्तान का सबसे ज्यादा खर्च रक्षा क्षेत्र (17 फीसदी) पर होता है. जबकि भारत अपने कुल बजट का मात्र 8 फीसदी ही रक्षा पर खर्च करता है. बावजूद इसके, भारत का रक्षा बजट पाकिस्तान के रक्षा बजट से छह गुना ज्यादा है.
यहां तक कि राजकोषीय घाटे के मामले में भी पाकिस्तान की हालत बेहद खराब है.
आर्थिक पैमाने पर भारत और पाकिस्तान में अंतर की बात करें तो विदेशी मुद्रा भंडार की तुलना करने पर यह अंतर और गहरा जाता है. भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 420 बिलियन डॉलर है, वहीं पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार मात्र 17.4 बिलियन डॉलर है. यानी भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार से 24 गुना बड़ा है.