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मंडोर ट्रेन हादसे की गहन जांच शुरू

जयपुर-दिल्ली रेलमार्ग पर जोधपुर-दिल्ली मंडोर एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्‍त होने के कारणों की जांच रेलवे संरक्षा आयुक्त, पश्चिमी परिमंडल प्रशान्त कुमार कर रहे हैं.

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जयपुर से करीब 30 किलोमीटर दूर जयपुर-दिल्ली रेलमार्ग पर झर और जटवाडा रेलवे स्टेशन के बीच शुक्रवार रात जोधपुर-दिल्ली मेवाड एक्सप्रेस की दुर्घटना के कारणों की जांच रेलवे संरक्षा आयुक्त, पश्चिमी परिमंडल प्रशान्त कुमार कर रहे हैं.

जांच अधिकारी जयपुर पहुंचे
रेलवे सूत्रों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि प्रशान्त कुमार जयपुर पहुंच गये हैं. उन्होंने कहा कि दुर्घटना किन कारणों से हुई यह जांच का विषय है. सूत्रों ने कहा कि कुमार के साथ रेलवे बोर्ड के सदस्य राकेश चोपडा भी जयपुर पंहुचे हैं. जोधपुर से दिल्ली आ रही मंडोर एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से 7 लोगों की मौत हो गई. दुर्घटना में करीब 50 मुसाफिर जख्मी हुए हैं. कई ट्रेनों के रूट में बदलाव किए गए हैं.

रेल मंत्री ने किया मुआवजे का एलान
रेल मंत्री ममता बनर्जी ने मृतकों के आश्रितों को 5-5 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपये और मामूली रूप से घायलों को 10-10 हजार रुपये देने की घोषणा की है. इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख ,गंभीर रूप से घायलों को 1-1 लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा कर चुके हैं. गहलोत ने दुर्घटनास्थल का दौरा करने के बाद मौके पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए यह जानकारी दी.
 
25 लोगों की हालत गंभीर
दुर्घटना में करीब 50 मुसाफिर जख्मी हुए हैं, जिसमें से करीब 25 की हालत गंभीर बताई जा रही है. हादसे की वजह से इस रूट की सभी ट्रेनों के रास्ते बदल दिए गए हैं. हादसे के वक्‍त जोधपुर से दिल्ली आ रही मंडोर एक्सप्रेस दौसा के पास बस्ती से गुजर रही थी. रात के करीब 2 बजे थे और ट्रेन के ज्यादातर मुसाफिर गहरी नींद में थे. अचानक एक झटके के साथ ट्रेन के डिब्बे पटरी से उतर गए. इंजन और गार्ड के डिब्बे को छोड़कर पूरी ट्रेन ही पटरी से उतर गई, लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है एसी डिब्बे बी-2, बी-3 और स्लीपर के एस-1 डिब्बे को. ये तीनों डिब्बे पूरी तरह पलट गए हैं.

बचाव काम में आई तेजी
जयपुर औऱ दौसा से करीब होने की वजह से राहत और बचाव में ज्यादा देर नहीं लगी. गंभीर रूप से जख्मी लोगों को जयपुर भेजा गया है, जबकि 3 बोगियों के भीतर कुछ और शवों के फंसे होने की आशंका है. सुरक्षित बचे मुसाफिरों को बस और एक ट्रेन के जरिए जयपुर औऱ दिल्ली रवाना कर दिया गया है.
 
चल रहा था दोहरीकरण का काम
हादसे की वजह के बारे में अभी पक्के तौर पर कुछ भी नहीं कहा जा रहा, लेकिन कहा जा रहा है कि पिछले एक हफ्ते से इस रूट पर लाइन के दोहरीकरण का काम चल रहा था. ऐसे में हादसे की दो वजह हो सकती है. पहली ये कि ट्रैक को बना रहे लोगों ने कोई गलती की होगी, जिसकी वजह से ट्रेन पटरी से उतर गई. दूसरी ये कि ड्राइवर ने स्पीड लिमिट की अनदेखी की हो.
 
तेज रफ्तार से चल रही थी ट्रेन
कुछ चश्मदीदों का कहना है कि जयपुर से खुलने के बाद ट्रेन करीब 100 किलोमीटर की रफ्तार से चल रही थी, जबकि मरम्मती के दौरान ट्रैक पर स्पीड 40 किलोमीटर से ज्यादा रखना खतरनाक साबित हो सकता है.

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