केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ का कहना है कि अगर कांग्रेस ने मुख्यमंत्री बनने के लिए उन्हें मौका दिया, तो उन्हें कोई गुरेज नहीं होगा.
आजतक के 'सीधी बात' कार्यक्रम में राहुल कंवल से बातचीत करते हुए कमलनाथ ने कहा कि अगर उन्हें सीएम बनने को कहा जाएगा तो वो जरूर बनेंगे. कमलनाथ ने यह भी कहा कि सरकार पीपुल रिप्रेजेंटेशन बिल में संशोधन का प्रस्ताव इसी सत्र में लाएगी, जिसके तहत किसी कोर्ट से सजा पाया हुआ जनप्रतिनिधि तब तक सदन में नहीं बैठ सकेगा, जब तक कि उच्च अदालत ने सजा पर स्टे न दिया हो.
दागी सांसदों पर पूछे गए सवाल के जवाब में कमलनाथ ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी इसके पक्ष में नहीं है कि आपको किसी भी कोर्ट से एक बार सज़ा हो जाए, तो आप लोकसभा में या विधानसभा में सदस्य बने रहें. इसका जो अमेंडमेंट है, जो संशोधन है, हम इस सत्र में लाएंगे. हम सुप्रीम कोर्ट में यह संशोधन ला रहे हैं.
कमलनाथ ने कहा, 'हम यह नहीं कह रहे कि अगर वो कनविक्ट हो गया है, तो वो जाकर दूसरे दिन लोकसभा में बैठ जाए. ये प्रावधान तो है कि वो 3 महीने जाकर बैठ सकता है, पर हम इसके आगे जा रहे हैं. हम कह रहे हैं कि आप बैठ नहीं पाओगे. हम यह संशोधन ला रहे हैं कि जब तक आपको छूट न मिले, उसके हायर कोर्ट से, जब आपको छूट मिले, स्टे मिले तो आप आइए. पहले जो कानून था सुप्रीम कोर्ट की जजमेंट से पहले, वो था कि आपने अपील कर दी और आप वापस आ गए लोकसभा में.'
मध्य प्रदेश में आने वाले विधानसभा चुनावों पर पूछे गए सवाल के जवाब में कमलनाथ ने कहा, 'गांव, कस्बों में जाइए, आम मतदाता परेशान है कि किस तरह उसके साथ धोखा हुआ. कहते थे बिजली देंगे, 10 साल होने जा रहे हैं, क्या बिजली दी? मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार इतना है. बीजेपी के नेता कोयला माफिया, सट्टे के माफिया और रेत के माफियाओं का नेतृत्व कर रहे हैं. आप बनावटी सर्वे पर ना जाएं, आज मध्य प्रदेश में परिवर्तन की लहर है.'
मध्य प्रदेश कांग्रेस में फूट के सवाल पर कमलनाथ ने कहा, 'हमारा किसी भी बात को लेकर आपस में कोई टकराव नहीं है. हम सभी को एमपी को जीतना है. हम सभी मिलकर परिवर्तन लाएंगे. दिशा देंगे.'
आप सीएम के उम्मीदवार बनेंगे, इस सवाल पर कमलनाथ ने कहा, 'अगर मुझे कहा जाएगा, तो जरूर बनूंगा. हममें से कोई भी इस रेस में नहीं रहना चाहता. हम चाहते हैं कि सभी मिलकर कांग्रेस पार्टी को जिताएं.'
अलग तेलंगाना की घोषणा पर दूसरे राज्यों के बंटवारे की बढ़ती मांग को लेकर पूछे सवाल पर कमलनाथ ने कहा, 'राज्य का बंटवारा दूरगामी सोच लेकर किया जाता है. 60 साल से यह मूवमेंट चल रहा है. हमने सब कुछ सोच-समझकर किया है. बोडोलैंड और गोरखालैंड की मांग तो 15-20 साल से हो रही है, पर 65 साल से तेलंगान की मांग थी. तेलंगाना न्याय चाह रहा था.'
कमलनाथ ने कहा, 'अब राजनीतिक दलों ने इसमें सहमति बनाई और यह तय किया, तो इसमें कांग्रेस पार्टी का क्या कसूर? बाकी राज्यों पर विचार किया जाएगा. हम राज्य पुनर्गठन आयोग बनाने की सोच रहे हैं. सोच रहे हैं कि अपने देश के हित में क्या है, छोटे राज्य कितने हैं, बड़े राज्य कितने हैं. राज्य पुनर्गठन आयोग की समय-समय पर आवश्यकता पड़ती है, इसलिए इस पर विचार होगा.'