आईआईटी और सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में देशभक्ति जगाए रखने के लिए मोदी सरकार ने एक अनोखा तरीका निकाला है. अब इन शिक्षण संस्थानों में डीजे या रॉक कंसर्ट नहीं, बल्कि स्टूडेंट्स 'देशभक्ति म्यूजिक बैंड्स' होस्ट करते नज़र आएंगे. मानव संसाधन मंत्रालय ने यह निर्देश स्वतंत्रता के 70 साल और भारत छोड़ो आंदोलन के 75 साल पूरा होने इन संस्थानों को दिए हैं.
21 अगस्त को 75 संस्थानों के वाइस चांसलर्स और डायरेक्टर्स को जारी हुए निर्देशों के अनुसार, 'ये इंडिया का टाइम है' इवेंट के अंतर्गत इस कंसर्ट को होस्ट किया जाएगा. इसके अलावा 'न्यू इंडिया मंथन' का भी सेशन साथ होगा.
नेशनल फिल्म डेवलप्मेंट कॉर्पोरेशन के जरिए मिनिस्ट्री ऑफ़ इन्फॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग म्यूजिक बैंड्स की पहचान कर रहा है. एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि, 'एक प्राइवेट एंटरटेंनमेंट कंपनी को म्यूजिक बैंड्स चुनने का काम दिया है. अब तक दर्जन भर से ज्यादा रॉक बैंड्स से बात चल रही है. अगले माह से अलग-अलग संस्थान में ये बैंड्स परफॉर्म करेंगे.'
सरकार ने जारी किए निर्देश में आईआईटी और सेंट्रल यूनिवर्सिटीज को उपयुक्त वेन्यू चुनकर स्टूडेंट्स को इन बैंड्स के बारे में जानकारी और परफॉरमेंस के दौरान 'सूटेबल डेकोरम' भी मेंटेन करने कहा है.
विपक्ष ने उठाए सवाल...
विपक्ष ने इस इवेंट पर सवाल उठाए हैं. एआईएमआईएम के चीफ और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि, 'रॉक बैंड को आईआईटी में भेजने के पीछे सरकार का क्या मकसद है? मोदी सरकार अब तक लोगों का कुछ भला नहीं कर सकी है. यह स्टूडेंट्स को विभाजित करने की रणनीति है. आईआईटी इनोवेशन के लिए है ना की बैंड पार्टी के लिए. बता दें कि इसी महीने सरकार ने स्वतंत्रता दिवस पर युनिवर्सिटी और शिक्षण संस्थानों को स्वतंत्रता सेनानी और शहीद स्मारक ले जाने के निर्देश दिए थे.