अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई ने आज कहा कि अगर अमेरिका तथा अन्य सहयोगी देश समर्थन दें तो वह देश में शांति लाने की कोशिश के तहत तालिबान प्रमुख से बातचीत करने को तैयार हैं.
करजई ने एक साक्षात्कार में कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रतिबंधों ने तालिबान के साथ शांति के पूर्व के प्रयासों का महत्व कम किया है. वार्ताकारों को तब भी प्रताड़ित किया गया जब वे विद्रोह छोड़ चुके थे. करजई ने यह कहते हुए कोई विशिष्ट उदाहरण नहीं दिये. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की नयी अफगान नीति की घोषणा के बाद करजई का यह पहला साक्षात्कार है.
ओबामा ने अफगानिस्तान में 30,000 अतिरिक्त सैनिक भेजने की घोषणा की है. करजई ने कहा कि सैनिकों की वापसी की शुरुआत अफगानिस्तानियों के लिये ‘अहम और मजबूती देने वाली होगी’ और वह अपने देश का नियंत्रण खुद करने की दिशा में आगे बढ़ सकेगा. उन्होंने कहा कि हमें अफगान की जरूरत के तौर पर तालिबान से बात करनी चाहिये. आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई अकेले दम नहीं जीती जा सकती.
करजई ने कहा कि वह तालिबान प्रमुख मुल्ला उमर के साथ बात करने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि निजी तौर पर मैं मुल्ला उमर से निश्चित तौर पर बात करूंगा. अफगानिस्तान में शांति लाने के लिये बतौर अफगान राष्ट्रपति जो भी जरूरी है, मैं वह करूंगा लेकिन मैं इस बात से भी अवगत हूं कि मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मदद के बिना अकेले दम ऐसा नहीं कर पाउंगा.