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गिलानी को 9/11 की पुनरावृत्ति की आशंका

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी ने देश में विदेशी आतंकियों की गतिविधियों पर चिंता जताई है. उन्‍होंने कहा कि इन आतंकियों से सख्ती से निपटना होगा.

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पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री का बयान
पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री का बयान

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी ने देश में विदेशी आतंकियों की गतिविधियों पर गहरी चिंता जताते हुए कहा है कि अगर इन बाहरी आतंकियों से सख्ती से नहीं निपटा गया तो 9/11 जैसी घटनाएं फिर से हो सकती हैं.

गिलानी ने सोमवार को प्रधानमंत्री सचिवालय में प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि देश के कबायली इलाकों में चेचेन, उज्बेक और ताजिकिस्तानी समेत कई विदेशी आतंकी अड्डा जमाए हुए हैं और इनकी गतिविधियों में दिन प्रतिदिन इजाफा हो रहा है. उन्होंने कहा कि काफी संख्या में ये विदेशी आतंकी कबायली इलाकों में छिपे हैं और उनकी मौजूदगी से 9/11 जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति की आशंका है.

पाकिस्तान पर संभावित अमेरिकी हमले के बारे में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक संप्रभु देश है और किसी को भी इसके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं है. एक सवाल के जवाब में गिलानी ने कहा कि देश की जनता शांति चाहती है और मुट्ठी भर तत्व शांति में बाधा डालने एवं कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं.

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मंत्रिमंडल विस्तार के बारे में उन्होंने कहा कि नवाज शरीफ हमारा साथ कभी नहीं छोडे़गे और संसदीय सचिवों की नियुक्ति, स्थायी समितियों और मंत्रिमंडल विस्तार के मुद्दे पर बातचीत के लिए चौधरी निसार को नियुक्त किया गया है. उन्होंने कहा कि संसदीय सचिवों एवं स्थायी समितियों के अध्यक्षों की नियुक्ति तथा कैबिनेट के विस्तार का कार्य जल्द ही किया जाएगा, लेकिन अभी इस संबंध में अंतिम तारीख तय नहीं की गई है. प्रधानमंत्री ने इस बात से इनकार किया कि सरकार से जुडे़ फैसले जरदारी हाउस में किए जाते हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद वह कभी जरदारी हाउस नहीं गए.

इस बीच, लाहौर से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक गिलानी ने कहा कि गठबंधन के सहयोगी 23 एवं 24 जुलाई को इस्लामाबाद में बैठक कर कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा और आतंकवाद से मुकाबले के लिए साझा रणनीति बनाए जाने के बारे में विचार-विमर्श करेंगे. लाहौर हवाई अड्डे पर कल पत्रकारों से बातचीत में प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के साथ हमारी मिलीभगत नहीं है और उनके खिलाफ महाभियोग लगाने के बारे में फैसला संसद को करना है. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के बीच मतभेदों एवं शरीफ की पार्टी के फिर से मंत्रिमंडल में शामिल होने के बारे में उन्होंने कहा कि नवाज हमारे सहयोगी हैं और वह हमें कभी छोड़ नहीं सकते.

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प्रधानमंत्री ने कहा कि वह शरीफ के साथ नियमित तौर पर संपर्क में रहते हैं और मंत्रिमंडल विस्तार के मसले पर उनसे बातचीत हुई है. उन्होंने कहा कि शरीफ ने सकारात्मक जवाब दिया है और अब इस मामले पर निसार अली खान के साथ बातचीत की जाएगी. गिलानी ने यह भी कहा कि अमेरिका आतंकवाद से लड़ने की उनकी सरकार की नीतियों का समर्थन करता है. हालांकि उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की धरती पर आतंकी गतिविधियों में विदेशी तत्वों का हाथ होने के बारे में अमेरिका की अपनी चिंताएं हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि शांति चाहने वाले लोगों को आतंकियों से अलग किए जाने की जरूरत है. एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि संसद अपने फैसले के बारे में स्वतंत्र है और सरकार इसके लिए सभी पार्टियों की सलाह लेने में विश्वास करती है.

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