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अब संसद के सेंट्रल हॉल में दिखेंगे अटल बिहारी वाजपेयी, 12 फरवरी को लगेगा पोट्रेट

लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने 12 फरवरी को वाजपेयी का लाइफ साइज पोट्रेट संसद के सेंट्रल हॉल में लगाए जाने का फैसला किया. इस फोटो को चित्रकार कृष्ण कन्हाई ने तैयार किया है.

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पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (फाइल फोटो)
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (फाइल फोटो)

संसद भवन के सेंट्रल हॉल में आगामी 12 फरवरी को पूर्व प्रधानमंत्री और बीजेपी के दिवंगत नेता अटल बिहारी वाजपेयी का लाइफ साइज पोट्रेट लगाया जाएगा. लोकसभा सचिवालय ने इसकी जानकारी दी है. सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सेंट्रल हॉल में अटल बिहारी वाजपेयी के पोट्र्रेट का अनावरण करेंगे. इस कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहेंगे.

संसद की पोट्रेट कमेटी की अध्यक्ष और लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने 12 फरवरी को वाजपेयी का लाइफ साइज पोट्रेट लगाये जाने की तारीख का फैसला किया. इस फोटो को चित्रकार कृष्ण कन्हाई ने तैयार किया है. संसद के सेंट्रल हॉल में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी समेत स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों और देश के महापुरुषों के लाइफ साइज पोट्रेट पहले से लगे हुए हैं.  

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सर्वसम्मति से लिया फैसला

पिछले साल दिसंबर के आखिरी में पोट्रेट कमेटी की बैठक में अटल बिहारी वाजपेयी का फोटो सेंट्रल हॉल में लगाने का फैसला लिया गया था. बैठक में गृहमंत्री राजनाथ, वित्त मंत्री अरुण जेटली और संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रस्ताव किया था कि संसद के सेंट्रल हॉल में दिवगंत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का पोट्रेल लगना चाहिए. बैठक में सभी नेताओं ने सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी.

इस बैठक में लोकसभा उपाध्यक्ष एम थंबीदुरै, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्य मंत्री तोमर, कांग्रेस के नेता एम. मल्लिकार्जुन खड़गे, टीएमसी के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय, टीआरएस के नेता ए पी जितेन्द्र रेड्डी और शिवसेना नेता अनंत गीते भी मौजूद थे.

अनंत में चले गए अटल

बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 16 अगस्त 2018 को 93 साल की उम्र में दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली थी. भारत रत्न वाजपेयी देश की राजनीति के सबसे करिश्माई और लोकप्रिय चेहरों में से एक थे. वाजपेयी ने एक दशक पहले ही सार्वजनिक जीवन से संन्यास ले लिया था. उनके निधन के बाद केंद्र सरकार ने कई योजनाओं और स्मारकों को वाजपेयी के नाम समर्पित किया है. साथ ही राज्यों में बीजेपी सरकारों ने भी सूबे की कुछ प्रमुख जगहों के नाम बदलकर वाजपेयी के नाम पर रख दिए हैं.

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