वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को दिल्ली में जीएसटी काउंसिल की मीटिंग पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. इस कॉन्फ्रेंस में जेटली ने बताया कि बैठक के दौरान जीएसटी से जुड़े दस महत्वपूर्ण मसलों को सुलझा लिया गया है. टैक्स लागू कराने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश बनाया जाना जरूरी है और साथ ही टैक्स ऑफिसरों को इस पर ध्यान देना होगा.
जेटली ने जटिल और विवादास्पद मुद्दों के लिए स्पष्ट निर्देशों की जरूरत बताते हुए कहा कि केंद्र और राज्य के बीच अधिकार क्षेत्र निश्चित करना अहम मुद्दा है. वित्त मंत्री ने बताया कि शुक्रवार को हुई जीएसटी काउंसिक की बैठक में काफी मुद्दों पर चर्चा की गई है, जिसमें कई सुझाव दिए गए हैं क्योंकि यह देश में पहली बार लागू किया जा रहा है, इसलिए हम इस मामले में कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहते.
वित्त मंत्री ने बताया कि 20 नवंबर को मंत्रियों की एक अनौपचारिक बैठक होगी, जिसके बाद जीएसटी काउंसिल की एक बैठक 24 और 25 नवंबर को होगी. GST के अंतर्गत आयकर छूट की सीमा 20 लाख रुपये होगी, इस पर विचार-विर्मश के लिए चार ड्राफ्ट बनाए जाएंगे. ये ड्राफ्ट सभी राज्यों को भेजे जाएंगे और राज्यों को तय सीमा में इन मसौदों की समीक्षा करनी होगी. 24 और 25 नवंबर को होने वाली बैठक में सभी ड्राफ्ट जीएसटी काउंसिल को वापस दिए जाएंगे.
बैठक में दिए गए एक सुझाव के मुताबिक केंद्र और राज्य के बीच कर विभाजन का आधार क्षैतिज रखने, जिसमें 1.5 करोड़ रुपये टर्न ओवर की सीमा निर्धारित करने की बात रखी गई है. वहीं दूसरी ओर बिना कोई सीमा निर्धारित किए कर का बंटवारा लंबवत रूप से करने का सुझाव भी दिया गया है.
The other suggestion is to divide base of assessees vertically without a threshold: Finance Minister Arun Jaitley on GST Council meet pic.twitter.com/yAe4KXpY5U
— ANI (@ANI_news) November 4, 2016
वन रैंक, वन पेंशन' पर उठ रहे सवालों का जवाब देते हुए जेटली ने कहा, 'कुछ भूतपूर्व सैनिकों ने बताया कि उनकी कुछ समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है, जिसके लिए सरकार ने जस्टिस रेड्डी समिति बनाई है. जब काफी बड़ी मात्रा में पैसे चुकाए जाते हैं, तो गिनती में बैंक की तरफ से कुछ गलतियां हो जाती हैं.'
वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार ने 'वन रैंक, वन पेंशन' के लिए धन आवंटित कर दिया है, जो गड़बड़ियां हुईं हैं, वो बैंकों के लेवल हुई हैं, जिसकी जांच होनी चाहिए और यह एक प्रक्रियात्मक समस्या है. वहीं पूर्व सैनिक रामकिशन ग्रेवाल की आत्महत्या को संवेदनशील मसला बताते हुए जेटली ने कहा कि सरकार की सहानुभूति सैनिक के परिवार के साथ है.