कर्नाटक की 28 माह पुरानी भाजपा सरकार को बचाने के लिए सोमवार को होने वाले विश्वास मत से पहले बागियों को पार्टी के पाले में वापस लाने के लिए गोवा तट पर स्थित रिसार्ट में जबर्दस्त प्रयास जारी हैं.
बागियों और कर्नाटक तथा गोवा के भाजपा नेताओं के बीच पणजी से 50 किलोमीटर दूर स्टार रिसार्ट में रात में वार्ता हुई. उधर कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष के जी बोपैया द्वारा 11 असंतुष्टों को नोटिस जारी कर दिए जाने से बागियों पर दबाव बढ़ गया है.
11 विद्रोहियों को कारण बताने को नोटिस जारी किया गया है कि क्यों न पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने को लेकर उनके खिलाफ दल बदल कानून के तहत कार्रवाई की जाए. ये उन 14 भाजपा विधायकों और पांच निर्दलीय विधायकों में शामिल हैं जिन्होंने येदियुरप्पा सरकार से समर्थन वापस लिया था. इन 19 विधायकों के समर्थन वापस लेने से येदियुरप्पा सरकार अल्पमत में आ गई थी. तीन भाजपा विधायकों के बारे में कहा जा रहा है कि वे पार्टी के पाले में आ गए हैं. {mospagebreak}
भाजपा के वार्ताकारों ने गोवा की राजधानी के निकट एक रिसार्ट में ठहरे बागियों के साथ मैराथन वार्ता की है. भाजपा द्वारा असंतुष्टों से बातचीत के लिए नियुक्त किए गए वार्ताकारों में गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पारिकर और कर्नाटक के पर्यटन और खनन व्यवसायी जी जनार्दन रेड्डी शामिल हैं. पारिकर ने दावा किया कि कर्नाटक सरकार पर मंडरा रहे संकट के बादल शनिवार तक छंट जाएंगे. पारिकर ने पणजी में संवाददाताओं से कहा, ‘यह पार्टी के भीतर का विवाद है और इसका समाधान कर लिया जाएगा.’
येदियुरप्पा की शिकायत पर असंतुष्टों को नोटिस जारी करने के विधानसभा अध्यक्ष के कदम को अपनी सरकार बचाने के लिए भाजपा की ओर से असंतुष्टों पर दबाव डालने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है. दक्षिण भारत की पहली भाजपा सरकार से 14 भाजपाई और पांच निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने से येदियुरप्पा सरकार अल्पमत में आ गई थी.
विधानसभा सचिव एस बी पाटिल ने कहा कि जिन विधायकों को नोटिस जारी किया गया है उन्हें विधानसभा अध्यक्ष से 10 अक्तूबर को शाम पांच बजे तक मिलना है और अपना स्पष्टीकरण देना है. गौरतलब है कि येदियुरप्पा को इसके एक दिन बाद ही विधानसभा में अपना बहुमत साबित करना है. उत्पाद शुल्क मंत्री एम पी रेणुकाचार्य उन लोगों में शामिल हैं जिन्हें नोटिस दिया गया है. {mospagebreak}
असंतुष्टों के अभियान का नेतृत्व कर रहे रेणुकाचार्य ने गुरुवार को संकेत दिया था कि संकट खत्म हो सकता है. उन्होंने कहा था कि सरकार स्थिर है और उसको कोई खतरा नहीं है और बागी बैंगलोर लौटेंगे. विपक्षी जद एस भी असंतुष्टों को अपने पाले में करने की कोशिश कर रही है. पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी उसी होटल में डेरा डाले हुए हैं, जहां असंतुष्ट विधायक ठहरे हुए हैं.
कुमारस्वामी कथित तौर पर असंतुष्टों को भाजपा में फिर से लौटने से रोक रहे हैं. येदियुरप्पा ने अपनी तरफ से कहा कि वह ‘100 फीसदी आश्वस्त हैं’ कि वह राज्य विधानसभा में 11 अक्तूबर को अपना बहुमत साबित करेंगे. उन्होंने कहा कि वह आश्वस्त हैं कि दूसरी सरकार बनाने के प्रयास में जद-एस द्वारा भाजपा के असंतुष्टों को अपनी ओर लुभाने के प्रयासों का कांग्रेस समर्थन नहीं करेगी.
कर्नाटक के राज्यपाल हंसराज भारद्वाज ने कहा कि वह राज्य के राजनैतिक घटनाक्रम की हर दिन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को रिपोर्ट भेज रहे हैं. येदियुरप्पा पार्टी के वरिष्ठ साथियों के साथ असंतुष्टों को लुभाने के सघन प्रयास में लगे हुए हैं. कभी येदियुरप्पा के आलोचक रहे जनार्दन रेड्डी अभी उनके दूत के तौर पर गोवा में डेरा डाले हुए हैं ताकि असंतुष्टों को भगवा खेमे में वापस लाया जा सके. पार्टी में बगावत से पहले सत्तारूढ़ भाजपा को 224 सदस्यीय विधानसभा में 122 विधायकों का समर्थन हासिल था. इनमें पांच निर्दलीय विधायक भी शामिल थे. राज्य विधानसभा में कांग्रेस के 73, जद एस के 28 और एक निर्दलीय विधायक हैं. {mospagebreak}
हालांकि, 19 विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद भाजपा की शक्ति घटकर 103 हो गई है. भाजपा को हालांकि तब राहत मिली जब तीन विधायक उसके खेमे में लौट आए. इसके साथ ही उसे 106 विधायकों का समर्थन हासिल हो गया है. येदियुरप्पा सरकार को विश्वास मत के दौरान 113 के जादुई आंकड़े तक पहुंचने के लिए सात और विधायकों का समर्थन जुटाना है.
मुख्यमंत्री खेमे को कल रात तब थोड़ी अच्छी खबर मिली जब आबकारी मंत्री एम पी रेणुकाचार्य ने कहा, ‘हम येदियुरप्पा सरकार को अस्थिर नहीं करना चाहते. हमारी कोई मांग या शर्त नहीं है. येदियुरप्पा हमारे नेता हैं और हम विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में निश्चित तौर पर वोट डालेंगे.’ रेणुकाचार्य के अतिरिक्त नोटिस पाने वाले अन्य भाजपा विधायकों में बेलूर गोपालकृष्ण, बालचंद्र जारकिहोली, शिवनागौड़ा नाइक, एच एस शंकरालिंगे गौड़ा, वाई संपंगी, आनंद अस्नोतिकर, सरभौम बागली, जी एन नानजुनदास्वामी, बारामगौड़ा एच कागे और एम वी नागराजू शामिल हैं.