दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर और पूर्व भारत के अधिकतर हिस्सों में बुधवार रात भूकंप के झटके महसूस किए गए. मौसम विभाग के मुताबिक भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6 मापी गई है. भूकंप का केंद्र बंगाल की खाड़ी में ओडिशा के पारादीप गढ़ में था. भूकंप रात के नौ बजकर 51 मिनट पर आया. इसकी गहराई 10 किलोमीटर थी. फिलहाल जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है.
दिल्ली-एनसीआर के अलावा कोलकाता, रांची, जमशेदपुर, पटना, सासाराम और भुवनेश्वर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. दिल्ली-एनसीआर के अलावा लखनऊ में भूकंप के झटके रात 10 बजे के करीब (नौ बजकर 58 मिनट पर) महसूस किए गए. इस दौरान 40 सेकेंड तक धरती हिलती रही. दो मिनट के अंतराल में फिर से झटके महसूस किए गए. लोग घबराकर घरों से निकल गए और सड़कों पर आ गए.
बंगाल की खाड़ी से सटे राज्यों में तटवर्ती इलाकों के लिए अलर्ट जारी किया गया है. मौसम वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि 24 घंटे के भीतर फिर से भूकंप के झटके महसूस किए जा सकते है. मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है. पश्चिम बंगाल में भी तेज समुद्री लहरें आ सकती हैं.
चेन्नई से मिली एक खबर के अनुसार नुंगामबक्कम, पोरूर और त्रिप्लीकाने के हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए. इसके अलावा विशाखापट्टनम में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए.
ताइवान में 5.9 तीव्रता का भूकंप
ताइवान में आज 5.9 तीव्रता का भूकंप आया और राजधानी में मकान हिलने लगे लेकिन किसी के हताहत होने या नुकसान की तत्काल कोई खबर नहीं है. भूकंप विज्ञान केन्द्र ने बताया कि स्थानीय समयानुसार सुबह 8 बजकर 21 मिनट पर आए इस भूकंप का केन्द्र पूर्वी शहर हुआलियेन से 33.3 किलोमीटर (21 मील) दूर दक्षिण-पश्चिम में 18 किलोमीटर की गहराई पर था. केंद्र के अनुसार, द्वीप के कई हिस्सों में निवासियों ने झटके महसूस किये. यह द्वीप दो टेक्टोनिक प्लेटों के जोड़ के पास स्थित है और यहां पर अक्सर भूकंप आते हैं. पिछले साल मध्य ताइवान में 6.3 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया था जिसमें चार लोगों की मौत हो गयी और कई जगह भूस्खलन हुआ था. सितंबर 1999 में द्वीप पर 7.6 तीव्रता का भूकंप आया था जिसमें लगभग 2,400 लोगों की मौत हो गयी थी.