कुंडा (प्रतापगढ़) में गत दो मार्च को डीएसपी जियाउल हक समेत तीन लोगों की हत्या की जांच कर रही सीबीआई के हाथ शनिवार को रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और उनके बहनोई अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जी तक पहुंच गए.
शुक्रवार 29 मार्च को जब हत्याकांड में मारे गए बलीपुर गांव के प्रधान नन्हें यादव के परिवार वालों ने कुंडा से निर्दलीय विधायक राजा भैया और उनके गुर्गों पर धमकी देने का आरोप लगाते हुए एक तहरीर सीबीआइ को दी थी, तभी यह साफ हो गया था कि सीबीआइ जांच के केंद्र में अब राजा भैया आ चुके हैं. इसी के तहत शनिवार को दोपहर तीन बजे सीबीआइ ने कुंडा स्थित अपने कैंप ऑफिस में राजा भैया के नजदीकी रिश्तेदार और एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जी को पूछताछ के लिए बुला लिया.
ढाई घंटे तक चली पूछताछ में सीबीआइ अधिकारियों ने अक्षय प्रताप सिंह से दो मार्च को पूरा घटनाक्रम पूछा क्योंकि राजा भैया के करीबियों में वह पहले थे जो गत दो मार्च को हत्याकांड के बाद रात करीब साढ़े ग्यारह बजे बलीपुर गांव पहुंचे थे. पूछताछ के बाद सीबीआइ कैंप ऑफिस से बाहर निकले अक्षय प्रताप ने बताया कि राजा भैया या उनका कोई भी नजदीकी इस प्रकरण में नार्को टेस्ट करवाने को तैयार है.
जानकारी के मुताबिक अक्षय प्रताप से पूछताछ के बाद अब सीबीआइ जल्द ही राजा भैया से भी पूछताछ की तैयारी कर रही है. सीबीआइ इस पूरे हत्याकांड में राजा भैया के ड्राइवर गुड्डू सिंह और थाना हथिगांव के निलंबित एसओ मनोज शुक्ला की गतिविधियों को संदिग्ध मान रही है और इसी की पृष्ठभूमि में राजा भैया के नजदीकियों का नाम सामने आ रहा है. ऐसे में अगले दो दिनों के भीतर राजा भैया से पूछाताछ की जा सकती है. एक सीनियर पुलिस अधिकारी के मुताबिक पूछताछ के दौरान सीबीआइ मृत प्रधान नन्हें यादव के परिवार के सदस्यों का राजा भैया से आमना-सामना भी करा सकती है ताकि आरोपों पर उनकी प्रतिक्रिया ली जा सके.
उधर, शनिवार की देर शाम सीबीआइ के एक दल ने राजधानी लखनऊ पहुंच कर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक अनौपचारिक बैठक कर इस बात की जानकारी जुटानी शुरू की कि दो मार्च को बलीपुर गांव में हुए हत्याकांड के बाद लखनऊ में राजा भैया की गतिविधियां क्या रही थीं और उनके साथ कौन-कौन लोग थे?