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15 देशों के राजनयिकों के कश्मीर दौरे पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, कहा- डबल स्टैंडर्ड

जयराम रमेश ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पिछले पांच महीने से कोई सार्थक राजनीतिक गतिविधियां नहीं दिखाई दी हैं. सिर्फ प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की ओर से बयानबाजी और दावे किए जा रहे हैं.

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश (फोटो-ट्विटर)
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश (फोटो-ट्विटर)

  • कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
  • कहा- 16 राजनयिक घाटी में एक निर्देशित दौरे पर गए हैं

राजनयिकों के जम्मू-कश्मीर दौरे पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि आज 15 या 16 राजनयिक घाटी में एक निर्देशित दौरे पर गए हैं. उनकी चुने हुए व्यक्तियों से भेंट और बातचीत होगी. ये सरकार का दूसरा प्रयास है. उन्होंने कहा कि 30 अक्टूबर को यूरोपियन पार्लियामेंट के कुछ सांसदों को जम्मू-कश्मीर के एक दिन के दौरे पर भेजा गया था. बाद में सरकार को कहना पड़ा था ये औपचारिक दौरा नहीं था.

विपक्ष के नेता SC के आदेश पर जाते हैं

पत्रकारों से बातचीत के दौरान जयराम रमेश ने कहा कि हमारी आपत्ति इस दौरे के विषय में नहीं है. हमारी आपत्ति ये है कि जब हमारे ही सांसद, नेता जम्मू-कश्मीर में नहीं जा सकते हैं तो इन राजनयिकों को ले जाने का क्या मतलब है? जम्मू-कश्मीर के 3 पूर्व मुख्यमंत्री आज भी हाउस अरेस्ट हैं. वहीं, राज्यसभा में हमारे विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद को सुप्रीम कोर्ट से आदेश लेकर जाना पड़ता है. सीपीएम के नेता सीताराम येचुरी भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही वहां गए थे. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को तो एयरपोर्ट पर ही रोका दिया गया था.

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जयराम रमेश ने कहा 'जब संसदीय डेलिगेशन नहीं जा सकता है, जब हमारे सांसद नहीं जा सकते हैं, हमारे विपक्ष के नेता नहीं जा सकते हैं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नहीं जा सकते हैं, सीपीएम के अध्यक्ष नहीं जा सकते हैं, फिर 15 या 16 देशों के राजदूत ले जाने का क्या मतलब है? ये दोहरे मानक हैं.'

राजनीतिक गतिविधियां नहीं दिखाई दीं

जयराम रमेश ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पिछले पांच महीने से कोई सार्थक राजनीतिक गतिविधियां नहीं दिखाई दी हैं. सिर्फ प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की ओर से बयानबाजी और दावे किए जा रहे हैं. कांग्रेस पार्टी चाहती है कि जम्मू-कश्मीर में जल्द से जल्द सार्थक राजनीतिक गतिविधियों की शुरुआत हो.

जेएनयू हिंसा के पीछे इन्हें बताया जिम्मेदार 

जयराम रमेश ने कहा कि जेएनयू के प्रदर्शनों के बारे में आप लोग सब जानते हैं. ये कांड कराया गया है, इसके पीछे कौन था, हम सब जानते हैं. उन्होंने कहा 'मैं सीधा आरोप लगा रहा हूं,  इसके पीछे मानव संसाधन मंत्री और गृहमंत्री दोनों शामिल हैं. दिल्ली पुलिस को पता है कि किसकी गिरफ्तारी होनी चाहिए, लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.'  उन्होंने कहा कि ये भी बिल्कुल साफ हो गया है कि जब तक ये कुलपति वहां अपने पद पर रहेंगे, जेएनयू में सामान्य स्थिति बनने की कोई गुंजाइश नहीं है. सरकार का इस कुलपति से त्यागपत्र लेना जरुरी है.

इस मामले को लेकर सुष्मिता देव की अध्यक्षता में कांग्रेस की एक कमेटी गठित की गई है, जो कांग्रेस अध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट देगी. जयराम रमेश ने सीएए और एनआरसी पर कहा कि ये बात सही है कि आज देशभर में इसको लेकर हलचल मची हुई है, लेकिन हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि आज आर्थिक स्थिति बहुत गंभीर और खतरनाक है.

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11 को होगी कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक

सरकार ध्रुवीकरण की राजनीति में लगी हुई है, उसको कोई चिंता नहीं है पर हकीकत ये है कि आज आर्थिक स्थिति बहुत गंभीर और खतरनाक है. अगले एक-दो साल में तो और भी नाजुक होने की पूरी गुंजाइश है. उन्होंने कहा कि 'निवेश नहीं हो रहा है, नई फैक्ट्रियां नहीं लगाई जा रही हैं, कृषि में जो संकट कुछ सालों से दिखाई दे रहा है, वो आज भी किसान और खेत मजदूर महसूस कर रहे हैं.' उन्होंने कहा कि 42 साल में हमें इतनी कम वृद्धि की दर देखने को नहीं मिली है. 11 जनवरी को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक होगी, उसमें इन सब मुद्दों पर चर्चा होगी.

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