पूर्व सीएजी विनोद राय के दावे को लेकर राजनीति गर्म हो गई है. कांग्रेस पर हमला बोलते हुए बीजेपी ने कहा कि विपक्षी पार्टी का रुख बेनकाब हो गया है. बीजेपी ने कांग्रेस से ऐसे नेताओं की पहचान उजागर करने को कहा है जिन्होंने यूपीए सरकार के दौरान घोटाले में शामिल लोगों के नाम हटाने के लिए विनोद राय से संपर्क किया था.
बीजेपी ने कहा कि विनोद राय के खुलासे ने उसके रूख की पुष्टि की है कि तत्कालीन यूपीए सरकार न सिर्फ संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही थी बल्कि उस पर दवाब भी डाल रही थी.
पार्टी प्रवक्ता विजय सोनकर शास्त्री ने कहा, ‘हम कांग्रेस से चाहते हैं कि वह उन लोगों के नाम उजागर करे जो राय पर दवाब डाल रहे थे. वे लोग कौन थे जिन्होंने विनोद राय से संपर्क किया था और उनके घर गए थे.’ उन्होंने कहा कि बीजेपी ने यूपीए सरकार के खिलाफ जो आरोप लगाए थे वे सच साबित हुए हैं.
गौरतलब है कि पूर्व सीएजी विनोद राय ने दावा किया है कि यूपीए के पदाधिकारियों ने कुछ नेताओं को इस काम पर लगाया था कि वह कोलगेट और कॉमनवेल्थ खेल घोटालों से जुड़ी ऑडिट रिपोर्ट से कुछ नाम हटा दें. विनोद राय ने इस बारे में अपनी किताब में ब्यौरे दिए हैं जो अगले महीने आने वाली है.
वहीं आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने विनोद राय से ही अपील की है कि वे उन नामों को उजागर करें जो उन पर दबाव बना रहे थे.
We urge Sh Vinod
Rai to reveal the names of all those people who pressurised him
to remove names. Such people shud be punished
—
Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 24, 2014
वहीं कांग्रेस ने विनोद राय के बयान को आड़े हाथों लेते हुए विनोद राय पर चीजों को सनसनीखेज बनाने का आरोप लगाया है. पार्टी नेता मनीष तिवारी ने पत्रकारों से कहा, 'अगर कुछ लोग उन पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से दबाव बना रहे थे तो क्या उनकी उसी वक्त उसे सार्वजनिक करने की जिम्मेदारी नहीं बनती थी.'
Rai Sahib allegedly says he was holding a constitutional position hence the silence ? Was it not incumbent on him since he was holding a...
— Manish Tewari (@ManishTewari) August 24, 2014
..Holding a constitutional position to speak out if he was being ostensibly pressurized to do or not to do his duty in a particular manner?
— Manish Tewari (@ManishTewari) August 24, 2014