दिल्ली हाईकोर्ट ने तिहाड़ जेल के विचाराधीन कैदियों की दयनीय स्थिति को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार को बुधवार को नोटिस जारी किया. इन कैदियों में महिलाएं भी हैं. मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी और न्यायमूर्ति आर.एस.एंडलॉ की एक खंडपीठ ने केंद्र व दिल्ली सरकार से इस बारे में पांच मार्च तक जवाब मांगा है.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नवंबर 2014 में इस मुद्दे पर फैसला लेने के लिए कहने के बाद पीठ ने मुद्दे को संज्ञान में लिया है.
बताया जाता है कि देश भर में अनुसूचित जनजाति के कैदियों खासकर महिलाओं की स्थिति पर न्यायालय का ध्यान आकर्षित करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी, जिसपर उसने सुनवाई भी की थी.
इससे पहले पीठ को सूचित किया गया था कि जेल परिसर में गंदगी भरे माहौल में भारी संख्या में विचाराधीन कैदी रह रहे हैं, जो कई तरह की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं.
जनहित याचिका में खुलासा हुआ था कि तपेदिक और अन्य संक्रामक बीमारियां जैसे एचआईवी/एड्स, हेपेटाइटिस व टाइफायड जैसी बीमारियां जेल में आम हैं.
इनपुट- IANS