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अनाज कौन-सा खाते हो? जनगणना में पूछे जाएंगे ये 31 सवाल, केंद्र ने जारी की लिस्ट

केंद्र की ओर से नया गैजेट जारी किया गया है, जिसमें जनगणना के दौरान पूछे जाने वाले कुल 31 सवालों की लिस्ट भी शामिल है. जनगणना के दौरान आम लोगों से कुल 31 सवाल पूछे जाएंगे, जिनमें घर, निजी जानकारी से लेकर ये तक पूछा जाएगा कि आप कौन-सा अनाज खाते हैं.

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जनगणना को लेकर आगे बढ़ी सरकार
जनगणना को लेकर आगे बढ़ी सरकार

  • जनगणना 2021 पर आगे बढ़ी मोदी सरकार
  • सवालों की लिस्ट का नोटिफिकेशन जारी
  • मकान से लेकर मोबाइल फोन तक की जानकारी

नागरिकता संशोधन एक्ट, नेशनल रजिस्टर फॉर सिटिजन और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर पर देश में जारी बहस के बीच मोदी सरकार ने जनगणना 2021 पर काम करना शुरू कर दिया है. केंद्र की ओर से नया गैजेट जारी किया गया है, जिसमें जनगणना के दौरान पूछे जाने वाले कुल 31 सवालों की लिस्ट भी शामिल है. जनगणना के दौरान आम लोगों से कुल 31 सवाल पूछे जाएंगे, जिनमें घर, निजी जानकारी से लेकर ये तक पूछा जाएगा कि आप कौन-सा अनाज खाते हैं.

केंद्र सरकार के द्वारा जारी ये आदेश उन सभी अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा, जो जनगणना की प्रक्रिया में शामिल होंगे. इनमें घर में कौन-सा टीवी है, पीने का पानी है या नहीं, कंप्यूटर-लैपटॉप है या नहीं समेत कुल 31 सवाल पूछे जाएंगे.

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जनगणना के वक्त जो 31 सवाल पूछे जाएंगे, उनकी पूरी लिस्ट यहां पढ़ें...

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आपको बता दें कि हर दस साल में एक बार जनगणना की जाती है, इससे पहले 2011 में जनगणना हुई थी और अब 2021 में हो रही है. इस जनगणना के लिए मोदी सरकार की तरफ से बजट भी पारित किया जा चुका है. बीते दिनों मोदी कैबिनेट में जनगणना-2021 के लिए 8000 करोड़ से अधिक का बजट पारित किया था.

CAA और NRC पर जारी है बवाल

बता दें कि नागरिकता से जुड़े ही एक मसले पर इन दिनों विवाद जारी है. केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ बीते कुछ दिनों से देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी है. विपक्ष से लेकर आम लोग और स्टूडेंट तक सड़कों पर हैं और केंद्र के इस कानून को संविधान विरोधी, अल्पसंख्यक विरोधी करार दिया है.

CAA के अनुसार, बांग्लादेश-अफगानिस्तान-पाकिस्तान से आने वाले हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, ईसाई और पारसी शरणार्थियों को भारत में नागरिकता दी जाएगी. इस लिस्ट में मुस्लिम समुदाय के लोगों को ना शामिल किए जाने का विरोध किया जा रहा है. इसके अलावा देशभर में NRC लागू करने पर भी रोष जारी है जिसमें आरोप लगाया जा रहा है कि ये देश को धर्म के आधार पर बांटने की एक साजिश है.

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