दिल्ली के तुगलकाबाद इलाके में रविदास मंदिर मामले में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने गुरुवार को कहा कि तोड़फोड़ की घटनाओं का बीएसपी से कोई लेना-देना नहीं है.
बसपा अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट करके कहा, बीएसपी के लोगों द्वारा कानून को अपने हाथ में नहीं लेने की जो परंपरा है, वह पूरी तरह से आज भी बरकरार है. जबकि दूसरी पार्टियों व संगठनों के लिए यह आम बात है. हमें अपने संतों, गुरुओं व महापुरुषों के सम्मान में बेकसूर लोगों को किसी भी प्रकार की तकलीफ और क्षति नहीं पहुंचानी है.
मायावती ने कहा, इसलिए कल दिल्ली के खासकर तुगलकाबाद क्षेत्र में जो तोड़फोड़ आदि की घटनाएं घटित हुई हैं, वह अनुचित है और उससे बीएसपी का कुछ भी लेना-देना नहीं है. बीएसपी संविधान व कानून का हमेशा सम्मान करती है, इस पार्टी का संघर्ष कानून के दायरे में ही रहकर होता है.
मायावती ने कहा कि बीएसपी के लोगों को किसी भी दुखद घटना के घटने के बाद अगर सरकार कहीं पर धारा 144 के तहत प्रतिबंध लगाती है तो उसका उल्लंघन नहीं करना है. अन्य पार्टियों के नेताओं की तरह घटनास्थल पर जबरदस्ती नहीं जाना, जिससे सरकार को निरंकुश और द्वेषपूर्ण कार्रवाई करने का मौका मिल सके.
बीएसपी के लोगों को किसी भी अतिदुःखद घटना के घटने के बाद अगर सरकार कहीं पर धारा 144 के तहत प्रतिबंध लगाती है तो उसका उल्लंघन नहीं करना है व अन्य पार्टियों के नेताओं की तरह घटनास्थल पर जबर्दस्ती नहीं जाना है ताकि सरकार को निरंकुश व द्वेषपूर्ण कार्रवाई करने का मौका नहीं मिल सके।
— Mayawati (@Mayawati) August 22, 2019
बता दें कि दिल्ली के तुगलकाबाद इलाके में रविदास मंदिर तोड़े जाने से नाराज दलित समाज के लोग बुधवार को रामलीला मैदान में विशाल प्रदर्शन करने के बाद जब तुगलकाबाद पहुंचे तो वहां पत्थरबाजी शुरू हो गई. लोगों की पत्थरबाजी के जवाब में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने भी कई राउंड फायरिंग की. इसके बाद यहां हिंसा भड़क उठी. इस हिंसा में 90 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए जबकि दर्जनों गाड़ियों में तोड़-फोड़ की गई. बुधवार रात हुई हिंसा के बाद भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर समेत अब तक 96 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
गौरलतब है कि दिल्ली विधानसभा में गुरुवार को सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों ने संत रविदास मंदिर विध्वंस मामले में बीजेपी के खिलाफ नारेबाजी की. आप विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के आसन के सामने आकर मंदिर तोड़े जाने को लेकर विरोध जताया. वहीं आप विधायक अजय दत्त ने विध्वंस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए सदन में अपना कुर्ता भी फाड़ लिया. बता दें कि डीडीए ने सुप्रीम कोर्ट के 9 अगस्त के आदेश पर संत रविदास मंदिर को तोड़ दिया था.