स्पेन के एक लेखक की उस किताब को लेकर हंगामा हो गया है जिसमें दावा किया गया है कि इसमें सोनिया गांधी के जीवन को एक काल्पनिक कहानी के रूप में पेश किया गया है लेकिन इस बारे में कांग्रेस अध्यक्ष के वकीलों का कहना है कि किताब में ‘असत्य, अर्धसत्य और अवमाननाकारी बयान हैं.’
लेखक जेवियर मोरो के उपन्यास ‘अल सारो रोजो‘ (द रेड साड़ी) का पहली बार अक्तूबर 2008 में स्पेनिश में प्रकाशन हुआ था और इसका इतालवी, फ्रांसीसी और डच भाषा में अनुवाद हो चुका है. लेखक का दावा है कि यह सोनिया के जीवन की एक काल्पनिक कहानी के रूप में प्रस्तुति है लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष के वकीलों का कहना है कि वे इस दावे को सही नहीं मानते.
लेखक ने सोनिया के इटली में जन्म, राजीव गांधी से उनके विवाह और उनकी हत्या के बाद मुश्किल परिस्थितियों तथा राजनीति में उनके प्रवेश का जिक्र किया है. कांग्रेस सांसद और पार्टी के कानूनी और मानवाधिकार प्रकोष्ठ के प्रभारी अभिषेक सिंघवी ने मोरो और पुस्तक के प्रकाशकों को आठ माह पहले एक कानूनी नोटिस भेजा था और पुस्तक के कुछ अंशों पर आपत्ति जतायी थी.
मोरो ने हालांकि आरोप लगाया कि कांग्रेस भारतीय कंपनियों को आतंकित कर रही है कि वे इस पुस्तक को प्रकाशित नहीं करें. मोरो ने कहा, ‘मैंने उनके जीवन पर आधारित एक कहानी लिखी है लेकिन इसका यह अर्थ नहीं है कि यह सच नहीं है. अभिषेक मनु सिंघवी और उनके निगरानीकर्ताओं और उनकी कंपनी भारतीय प्रकाशन संस्थानों को मेरी पुस्तक प्रकाशित नहीं करने के लिए आतंकित कर रही है. मैं सिर्फ इतना ही कह सकता हूं कि वे सफल नहीं होंगे.’
सोनिया गांधी के वकीलों ने लेखक के इस कथित दावे को भी खारिज कर दिया कि यह उनकी कहानी है. उन्होंने कहा, ‘किसी जीवित व्यक्ति के बारे में कहानी के रूप में उसका जीवन चरित्र पेश करना विरोधाभासी लेखन है. कोई भी फर्जी या अपमानजनक लेखन, जिसके बारे में स्वीकार किया गया है कि वह बिना किसी सहमति या मंजूरी के लिखा गया है, निश्चित तौर पर निंदात्मक, झूठ के सहारे बदनाम करना और मानहानिकारक है.’ उन्होंने बताया कि मोरो को पहली बार पिछले साल पांच नवंबर को पूर्णत: मानहानिकारक और फर्जी प्रकृति के बारे में जानकारी दी गयी थी.