सलमान खुर्शीद की ओर से नरेंद्र मोदी को 'नपुंसक' कहे जाने पर बीजेपी ने कड़ा एतराज जताया है. भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने खुर्शीद के बयान की निंदा करते हुए कांग्रेस को ही 'नपुंसक' करार दिया. उन्होंने कहा कि बार-बार नपुंसकता का परिचय देने वाली कांग्रेस पार्टी को पहले अपने दामन में झांक कर देखना चाहिए.
हमीरपुर से सांसद अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस नेतृत्व को इस मामले पर एक खुला खत लिखा है. हम यह चिट्ठी यहां प्रकाशित कर रहे हैं.
अनुराग ठाकुर की कांग्रेस नेतृत्व को चिट्ठी
ये वही सलमान खुर्शीद हैं, जिन्होंने अपनी पत्नी लुइस खुर्शीद के चुनाव प्रचार में कहा था कि बाटला हाउस
मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों के शवों की तस्वीरें देखकर सोनिया गांधी की आंखों से आंसू आ गए थे. मैं
सलमान खुर्शीद से पूछना चाहता हूं कि यह बयान देकर उन्होंने क्या अपनी नपुसंकता का परिचय देश को
दिया था और क्या उन्होंने दिल्ली पुलिस बाटला हाउस मुठभेड़ में शहीद हुए इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा का
अपमान नहीं किया था?
खुर्शीद की पत्नी उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनावों में बुरी तरह से हार गई थीं और पांचवे नंबर पर आई थीं, इसी से खुर्शीद की ताकत का पता चलता है.
कांग्रेस की सरकार के नाक की नीचे, पाकिस्तानी सैनिक भारतीय जवानों का सिर काटकर ले जाते हैं. सरबजीत सिंह की लाहौर जेल में हत्या हो जाती है, क्या यह कांग्रेस सरकार की नपुंसकता नहीं है?
पाकिस्तान युद्धविराम तोड़कर बिहार रेजिमेंट के 4 और मराठा लाइट इन्फंट्री के एक जवान की हत्या करता है और देश के रक्षा मंत्री, संसद में पाकिस्तानी सैनिको को बचाने की कोशिश करते है, क्या यह कांग्रेस सरकार की नपुंसकता का परिचय नहीं था? शर्म-अल-शेख में प्रधानमंत्री का, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के साथ साझा बयान जिसमें बलूचिस्तान मामले पर, पाकिस्तान ने भारत पर मनगढ़ंत आरोप लगाए थे, क्या कांग्रेस सरकार की नपुंसकता का नतीजा नहीं था?
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री, भारत के प्रधानमंत्री को देहाती औरत कहते हैं, इतालवी सरकार अपने मुकदमा झेल रहे नाविकों को वापस भारत भेजने से मना कर देती है और स्थिति इतनी बदतर हो गई कि सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप कर इतालवी राजनयिक को भारत छोड़ने से मना करना पड़ा, तब जाकर इटली अपने नाविकों को वापस भेजने पर राजी हुआ. इन सारे उदाहरणों से, कांग्रेस की नपुंसकता का परिचय अच्छी तरह से देश को हुआ है.
इमरजेंसी के दौरान कांग्रेस सरकार ने बेकसूर लोगों पर मनमानी करते हुए उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन किया था, क्या यह कांग्रेस की नपुंसकता नहीं थी? 1984 के सिख दंगो में राजीव गांधी, दंगा नहीं रोक पाए क्या यह उनकी नपुंसकता नहीं है?
दंतेवाड़ा में 80 जवान नक्सलियों की ओर से शहीद कर दिए जाते हैं और नक्सल विरोधी रणनीति पर तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम को उन्ही के पार्टी के वरिष्ठ नेता बौद्धिक अहंकारी बताते है, क्या यह कांग्रेस का नक्सल प्रेम नहीं है? और क्या यह उनकी नपुंसकता नहीं दिखाता है?
इसी कांग्रेस सरकार के रहते हुए हाफिज सईद पाकिस्तान में पिछले 10 साल से खुलेआम घूम रहा है और कश्मीर के अलगाववादी नेता दिल्ली आकर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के दूत से मिलते हैं, यासीन मलिक पाकिस्तान में हाफिज सईद के साथ मंच साझा करते है और केंद्र सरकार मुंह पर पट्टी बांधकर देखती रहती है.
कश्मीर में सरेआम तिरंगा जलाया जाता है, हमारे जवानों पर पथराव होता है और हम तिरंगे के सम्मान के लिए लाल चौक जाकर तिरंगा फहराने जाते है तो मुझे और भारतीय जनता पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं को पकड़कर जेल में बंद किया जाता है, क्या यह कांग्रेस सरकार की नपुंसकता का परिचय नहीं है?
बार-बार अपनी हरकतों से अपनी नपुंसकता का परिचय देने वाली कांग्रेस को, नरेंद्र मोदी के बारे में, बात करने से पहले 10 बार सोचना चाहिए.